छत्तीसगढ़ की महिलाओं ने चुन लिया अपने सूबे का सिकंदर

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  •  राज्य के 50 विधानसभा क्षेत्रों में पुरुषों की अपेक्षा ज्यादा महिलाओं ने दिए वोट
  • नारी को रिझाने में सफल रहा कांग्रेस का घोषणा पत्र

अर्जुन झा

जगदलपुर जिस दल ने जीत लिया है छत्तीसगढ़ की माता बहनों का दिल, वही बनेगा इस सूबे का सिकंदर। इस बार दल विशेष को छत्तीसगढ़ महतारी की सेवा का मौका देने में राज्य की मातृशक्ति ने अहम भूमिका निभाई है। छत्तीसगढ़ विधानसभा के लिए हुए 7 और 17 नवंबर को हुए दो चरणों के मतदान के आंकड़ों पर नजर डालें तो साफ जाहिर होता है कि अपने मताधिकार का प्रयोग करने में महिलाओं की सहभागिता और जागरूकता पुरुषों की बनिस्बत ज्यादा रही है। यानि राज्य में सरकार गठन में इस बार महिलाओं ने बड़ी भूमिका निभाई है। इसे इस नजर से भी देखा जा सकता है कि जो राजनीतिक दल महिलाओं को अपनी ओर आकर्षित करने में ज्यादा सफल रहा, उसी की सरकार बनने जा रही है। इस लिहाज से कांग्रेस बाजी मार ले जाती दिख रही है।

छत्तीसगढ़ के 90 विधानसभा क्षेत्रों में से 50 विधानसभा क्षेत्रों मे अपने मताधिकार का प्रयोग करने वाली महिलाओं की संख्या मताधिकार का प्रयोग करने वाले पुरुषों की संख्या से कहीं अधिक है। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार भरतपुर-सोनहत, प्रतापपुर, रामानुजगंज, सामरी, लुंड्रा, अंबिकापुर, सीतापुर, जशपुर, कुनकुरी, पत्थलगांव, लैलूंगा, सारंगढ़, खरसिया, धर्मजयगढ़, रामपुर, पाली तानाखार, जैजैपुर, मरवाही, सरायपाली, बसना, खल्लारी, महासमुंद, बिलाईगढ, राजिम, सिहावा, बिंद्रानवागढ़, डौण्डी लोहारा, गुंडरदेही, संजारी-बालोद, धमतरी, दुर्ग शहर, पंडरिया, कवर्धा, खैरागढ़, डोंगरगढ़, राजनांदगांव, डोंगरगांव, खुज्जी, मोहला मानपुर, भानुप्रतापपुर, कांकेर, केशकाल, कोंडागांव, नारायणपुर, बस्तर, जगदलपुर, चित्रकोट,दंतेवाड़ा, बीजापुर और कोंटा विधानसभा क्षेत्रों के मतदान केंद्रों में पहुंचकर वोट डालने वाले महिला मतदाताओं की संख्या वोट डालने वाले पुरुष मतदाताओं की तुलना में कई गुना अधिक है। छत्तीसगढ़ में दो चरणों में हुए मतदान में कुल 1 करोड़ 55 लाख 61 हजार 460 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया है। इनमें 77 लाख 48 हजार 612 पुरुष मतदाता और 78 लाख 12 हजार 631 महिला मतदाता शामिल हैं। इस प्रकार विधानसभा निर्वाचन 2023 में अपने मताधिकार का प्रयोग करने वाली महिला मतदाताओं की कुल संख्या भी वोट डालने वाले पुरुष मतदाताओं की कुल संख्या से करीब एक लाख अधिक है।

कांग्रेस के घोषणा पत्र ने जीता दिल

घोषणा पत्र के जरिए मतदाताओं को लुभाने के मामले में भाजपा की अपेक्षा कांग्रेस ज्यादा सफल रही है। उसमें भी महिला मतदाताओं को आकर्षित करने में कांग्रेस अव्वल स्थान पर है। भाजपा ने अपने घोषणा पत्र में महतारी वंदन योजना लाकर प्रदेश की प्रत्येक महिला को सालाना 12 हजार रुपए देने की बात कही है। वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस की ओर से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दीपावली के मौके पर छत्तीसगढ़ गृहलक्ष्मी योजना शुरू करने की घोषणा कर भाजपा के नहले पर दहला दे मारा। छत्तीसगढ़ गृहलक्ष्मी योजना के जरिए कांग्रेस की सरकार बनने पर हर महिला को प्रति वर्ष 15 हजार रुपए देने की बात कही गई है। महिला स्व सहायता समूहों और किसानों का कर्ज माफ करने, धान 32 सौ रुपए प्रति क्विंटल के भाव से खरीदने, प्रति एकड़ 20 क्विंटल धान का क्रय करने संबंधी कांग्रेस की घोषणाओं ने भी सीधे तौर पर महिलाओं को आकर्षित किया है। जिन विधानसभा क्षेत्रों में महिला मतदाताओं ने ज्यादा मतदान किया है, प्रायः उन सभी क्षेत्रों में तेंदूपत्ता संग्रहण बड़े पैमाने पर होता है। तेंदूपत्ता संग्रहण में ज्यादातर महिलाएं ही जुड़ी रहती हैं। कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में तेंदूपत्ता की खरीदी प्रति मानक बोरा 6 हजार रुपए की दर से करने और हर तेंदूपत्ता श्रमिक परिवार को प्रति वर्ष 4 हजार रु. का बोनस देने की बात कही है। कांग्रेस की यह घोषणा भी महिलाओं को खूब पसंद आई है। इस नजरिए से देखा जाए तो महिलाओं ने कांग्रेस पर ज्यादा भरोसा जताया है।