- बच्चों की जान से किया जा रहा है सरेआम खिलवाड़
- आंगनबाड़ी के लिए राशि स्वीकृत, काम है अधूरा
बकावंड जनपद पंचायत क्षेत्र बकावंड के अंतिम छोर में स्थित ग्राम पंचायत राजनगर के बदागुड़ा पारा में छोटे- छोटे बच्चों की जान से खिलवाड़ किया जा रहा है। आंगनबाड़ी भवन के अभाव में नौनिहालों को एक ऐसे मकान में पढ़ाया जा रहा है, जो बुरी तरह जर्जर हो चला है। यह मकान कभी भी धराशायी हो सकता है। वहीं दूसरी ओर जो नया आंगनबाड़ी भवन बन रहा है, वह कई साल से अधूरा पड़ा है।
जिस मकान में आंगनबाड़ी केंद्र का संचालन किया जा रहा है, वह बेहद खतरनाक स्थिति में पहुंच चुका है। यह मकान सरकारी कार्यालय के लिए बनाया गया है। मकान की दीवारें हैं तो पक्की, लेकिन छत बेहद जर्जर हो चुकी है। छत को बल्लियों और म्याल के सहारे टिका कर रखा गया है। बारिश होने पर कमरे के अंदर पानी झरते रहता है। ऐसी स्थिति में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका रोज कमरे से पानी को बर्तनों की मदद से बाहर कर पूरे कमरे में पोंछा लगाती हैं। इसके बाद ही बच्चों को वहां बिठाकर पढ़ाई और उनकी देखरेख शुरू की जाती है। इस खस्ताहाल मकान में बिठाकर बच्चों की जान से खिलवाड़ किया जा रहा है। बल्लियों के सहारे टिकी छत कब भरभरा कर गिर जाए, कहा नहीं जा सकता। बच्चों की जान को पल पल खतरा बना रहता है। अगर कोई अनहोनी हो गई, तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा ? आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका के मत्थे सारा दोष मढ़कर पंचायत प्रतिनिधि और अधिकारी अपना पल्ला झाड़ लेंगे। वस्तुतः ग्राम के सरपंच और सचिव इसके लिए जवाबदेह माने जाएंगे। क्योंकि उन्हीं की मनमानी और गैर जिम्मेदाराना रवैए के कारण सुरक्षित आंगनबाड़ी भवन का निर्माण पूरा नहीं हो पा रहा है। इस भवन की पोताई भी सालों से नहीं कराई गई है। इसके आसपास झाड़ियां हैं, जहां से निकलकर सांप, बिच्छू जैसे जहरीले जीव भवन के आसपास मंडराते रहते हैं
सालों से अधूरा पड़ा है भवन
बदागुडा में आंगनबाड़ी भवन निर्माण के लिए कई साल पहले लाखों रुपए स्वीकृत हुए हैं। आधा अधूरा काम करवाकर निर्माण कार्य बीच में ही छोड़ दिया गया है। महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना के परियोजना अधिकारी ने भवन निर्माण कार्य की जिम्मेदारी सरपंच और पंचायत सचिव को दे रखी है।सरपंच और सचिव ने आंगनबाड़ी केंद्र भवन निर्माण के नाम पर सरकारी धन का दुरूपयोग ही किया है। राशि प्राप्त कर लेने के बाद भी निर्माण कार्य पूरा कराने पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। कई दिनों से आंगनबाड़ी कार्यकर्ता गायब रहती है। कार्यकर्ता के उपस्थित नहीं रहने के कारण ज्यादातर बच्चे भी नहीं पहुंचते हैं। आंगनबाड़ी में सहायिका ही उपस्थित रहती है। इस संदर्भ में चर्चा करने पर महिला बाल विकास विभाग के अधिकारी राठिया ने कहा कि कहा कि मैं संज्ञान में लेकर जरूर कार्रवाई करूंगा। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पटनायक से चर्चा करने पर उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।