- आत्मसमर्पित माओवादी परलकोट एलओएस कमांडर के पद पर था कार्यरत
- 17 वर्षों से नक्सली संगठन में सक्रिय रहा है जयलाल
जगदलपुर बस्तर संभाग की नारायणपुर जिला पुलिस द्वारा भटके हुए माओवादियों को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए किए जा रहे प्रयासों व छत्तीसगढ़ शासन की नक्सल उन्मूलन नीति के तहत विकास, विश्वास और सुरक्षा की भावना से प्रेरित होकर पांच लाख के ईनामी नक्सली जयलाल कवाची ने आज 24 जनवरी को पुलिस अधीक्षक पुष्कर शर्मा के समक्ष आत्म समर्पण कर दिया। जयलाल बीते सत्रह साल से प्रतिबंधित नक्सली संगठन कुतुल एरिया कमेटी में सक्रिय था और लंबे समय से परलकोट एरिया कमांडर के पद पर कार्यरत था। अनेक संगीन वरदातों में उसकी संलिप्तता रही है। उसने बीजापुर व कांकेर जिलों में भी कई घटनाओं को अंजाम दिया था।
नारायणपुर जिले में पुलिस अधीक्षक पुष्कर शर्मा के नेतृत्व में चलाए जा रहे नक्सल उन्मूलन अभियान और छत्तीसगढ़ शासन की नक्सल उन्मूलन नीति विकास, विश्वास व सुरक्षा के प्रचार प्रसार से प्रभावित होकर नक्सलियों के अमानवीय, आधारहीन विचारधारा एवं उनके शोषण, अत्याचार तथा बाहरी नक्सलियों द्वारा भेदभाव करने व स्थानीय आदिवासियों के साथ की जाने वाली हिंसा से तंग आकर प्रतिबंधित नक्सली संगठन कुतूल एरिया कमेटी के परलकोट एलओएस कमांडर जयलाल कवाची ने बिना हथियार पुलिस अधीक्षक कार्यालय नारायणपुर में एसपी पुष्कर शर्मा के समक्ष आत्मसमर्पण किया। बताया गया है कि आत्मसमर्पित माओवादी जयलाल की पत्नी मासे भी नक्सली संगठन में कुतुल एलओएस कमांडर है।आत्मसमर्पित नक्सली को शासन की पुनर्वास योजना के तहत पुलिस अधीक्षक पुष्कर शर्मा द्वारा 25 हजार रू. की प्रोत्साहन राशि प्रदाय की गई। आत्मसमर्पित नक्सली को शासन की पुनर्वास योजना के तहत अन्य समस्त सुविधाएं एवं लाभ प्रदान करने हेतु नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी। पुलिस अधीक्षक श्री शर्मा ने अन्य नक्सलियों से भी आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा से जुड़ने व शासन की पुनर्वास योजना का लाभ लेने की अपील की है।
इन वारदातों में लिप्त था जयलाल
आत्मसमर्पित माओवादी जयलाल नारायणपुर, कांकेर व बीजापुर जिलों में पूर्व में हुई अनेक नक्सली वारदातों में लिप्त रहा है। परलकोट एलओएस कमांडर कुतुल एरिया कमेटी माड़ डिवीजन अंतर्गत परलकोट एलओएस कमांडर जयलाल इंसास रायफल लेकर चलता था। वह नक्सली संगठन में विभिन्न पदों पर रहा है। 2007 में वह कुतुल एरिया कमेटी कमांडर जैनी के साथ 4 माह रहा, 2007- 08 में मिलिशिया सदस्य के रूप में कोडेलियर जनताना सरकार अंतर्गत हथियार तमंचा लेकर चलता था। 2008 में 6 माह तक कुतुल जन मिलिशिया सदस्य के रूप में 12 बोर की बंदूक साथ लिए रहा, 2009 से 2012 तक डीवीसी स्टाप टीम सदस्य के रूप में इंसास रायफल लेकर चलता रहा।2013 से अब तक वह परलकोट एलओएस कमांडर वैकल्पिक डीवीसी प्रभारी के तौर पर इंसास रायफल रखता रहा। 2008 बीजापुर जिले के कौंडे में नक्सलियों की ओर से की गई फायरिंग की घटना में लिप्त था। 2008 में बीजापुर जिले के पदमेटा एम्बुस में शामिल था, जिसमें एक जन मिलिशिया सदस्य की मृत्यु हुई। 2013 की गुडरापारा डेरा फायरिंग की घटना में एक नक्सली की मृत्यु हुई थी। इसमें भी वह लिप्त था।2014-15 में टीसीओसी के समय बासिंग कैंप पर देशी तोप से हमला किया था। हमले में 4 जवान घायलहो गए थे।
2015 के सितरम मुठभेड़ की घटना में उसकी लिप्तता रही है। 2016 -17 की जड्डा मुठभेड़ घटना में शामिल रहने पर उससे पुलिस द्वारा 12 बोर की रायफल जप्त की गई थी।2017 में गारपा में जन अदालत लगाकर एक ग्रामीण की, 2019 कदेर में जन अदालत लगाकर 2 ग्रामीणों की व 2019 में ही बालेबेड़ा में जन अदालत लगाकर तीन ग्रामीणों की हत्या में उसकी संलिप्तता की जानकारी पुलिस ने दी है।