- अब भी पांच लाख किसान नहीं बेच पाए हैं धान
- खरीदी लक्ष्य घटाना किसानों के साथ अन्याय
जगदलपुर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं सांसद दीपक बैज ने कहा है कि 1 मार्च तक धान खरीदी की जाए ताकि लक्ष्य की प्राप्ति हो तथा सभी किसान अपना धान बेच सकें। अभी भी 5 लाख से अधिक किसान धान बेच नहीं पाए हैं।वहीं 21 क्विंटल प्रति एकड़ के मान से पूर्व में 20 क्विंटल धान बेच चुके किसानों से प्रति एकड़ एक क्विंटल अतिरिक्त धान की खरीदी की जानी है। इस वर्ष क़े लिए पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने 135 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य निर्धारित किया था, तब प्रति एकड़ 20 क्विंटल की खरीदी तय हुई थी। वर्तमान में ज़ब प्रति एकड़ 21 क्विंटल खरीदी क़े आदेश जारी हो गए है तो लक्ष्य भी बढ़ेगा। कम से कम 150 लाख मीट्रिक टन खरीदी पहुंचेगी। इसलिए एक महीने धान की खरीदी बढ़ाई जानी चाहिए।
दीपक बैज ने कहा कि किसान खरीदी केंद्रों में धान बेचने पहुंच रहे हैं, लेकिन उन्हें वादे के अनुसार धान की क़ीमत 3100 रु. प्रति क्विंटल नहीं मिल रही है। 5 लाख से अधिक किसान अब तक अपना धान नहीं बेच पाए हैं। खरीदी केंद्रों में टोकन और तौलाई के लिए लंबी -लंबी लाइनें लग रही हैं। भाजपा सरकार की अव्यवस्था और दुर्भावना के चलते किसान तकलीफ पा रहे हैं। साय सरकार व्यवस्था सुधारने के बजाय लक्ष्य घटाकर किसानों के हक का गला घोट रहे हैं। किसानों को समर्थन मूल्य 2183 रू. की दर पर ही भुगतान हो रहा है। किसानों को 3100 रु. की क़ीमत कैसे और कब मिलेगी? इसे स्पष्ट किया जाना चाहिए। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा विधानसभा में पेश अनुपूरक बजट में भी धान खरीदी के लिए कोई वित्तीय व्यवस्था नहीं है। इससे किसानों की चिंता और बढ़ गई है। कांग्रेस मांग करती है कि प्राथमिकता क़े आधार पर धान की कीमत 3100 रु. एकमुश्त भुगतान का निर्णय लेकर क्रियान्वित करवाया जाए ताकि किसानों को उनकी फसल की पूरी क़ीमत मिल सके। दीपक बैज ने कहा कि छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार आते ही टोकन जारी करने की व्यवस्था से लेकर तौलाई और संग्रहण केंद्रों से धान का उठाव भी धीमा हो गया है। किसानों का शोषण और किसान विरोधी षड्यंत्र ही भाजपा का मूल चरित्र है।
धान खरीदी में दुर्भावना
पीसीसी चीफ दीपक बैज ने कहा है कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने खरीफ सीजन 2023-24 के लिए 20 क्विटंल प्रति एकड़ की दर से खरीदी करने के लिए कुल लक्ष्य 135 से 140 लाख मीट्रिक टन निर्धारित किया था। विष्णुदेव सरकार ने एक तरफ तो 21 क्विटंल प्रति एकड़ खरीदी का आदेश जारी किया लेकिन दुर्भावना पूर्वक कुल धान खरीदी का लक्ष्य घटाकर 130 लाख मीट्रिक टन कर दिया। किसानों से धान की कम खरीदी करने के लिए ही षडयंत्र पूर्वक टोकन जारी करने में कोताही बरती जा रही है। तौलाई की रफ्तार भी दुर्भावना पूर्वक घटा दी गई है। 21 क्विंटल प्रति एकड़ की दर से 32.99 लाख़ हेक्टेयर पंजीकृत रकबा पर 170 लाख़ मिट्रिक टन का संशोधित लक्ष्य तय करे साय सरकार।