नेतानार हाई स्कूल में प्रभारी प्राचार्य और संकुल समन्वयक पति का गजब खेल

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  • लिपिक का काम खुद पति देख रहे और दोनों मिलकर कर रहे हैं जमकर फर्जीवाड़ा
  • तीन साल से लिपिक को नहीं करने दे रहे हैं मूल कार्य
    -अर्जुन झा-
    जगदलपुर। सैंया भये कोतवाल, तो डर काहे का ? यह कहावत हाई स्कूल नेतानार में चरितार्थ हो रही है। स्कूल की प्रभारी प्राचार्य के पति इसी स्कूल में संकुल समन्वयक के पद पर कार्यरत हैं और दोनों मिलकर खूब गफलतबाजी कर रहे हैं। इसी चक्कर में संस्था के लिपिक को उनका मूल कार्य करने नहीं दिया जा रहा है।
    पति – पत्नी के इस खेल की अंचल में जमकर चर्चा हो रही है। नेतानार हाई स्कूल की प्राचार्य द्वारा लिपिकीय कार्य अपने संकुल समन्वयक पति से कराया जा रहा है। खबर है कि संकुल समन्वयक पति और प्रभारी प्राचार्य मिलकर संस्था की रकम तथा शासन से मिलने वाली राशि की अफरा तफरी में लगे हुए हैं। विगत तीन साल से कार्यभार ग्रहण किए बैठे लिपिक वर्ग-2 को उनके मूल पद पर कार्य नही करने दिया जा रहा है। शाला की प्रभारी प्राचार्य रीता शुक्ला से बार -बार कारण पूछने पर सर (पति) से बात करने कहा जाता है। तरह तरह की बहानेबाजी कर लिपिक को उसके मूल पद पर कार्य नहीं करने दिया जा रहा है। बताते हैं की प्राचार्य के पति संकुल समन्वयक हैं और हाई स्कूल नेतानार में ही पदस्थ हैं। प्राचार्य पति के कहने पर ही प्रचार्य द्वारा लिपिक को प्रताड़ित किया जा रहा है।जानकारी के अनुसार लिपिक राजेंद्र कुमार जबसे पदोन्नत होकर इस शाला में आए हैं, तबसे प्रभारी प्राचार्य के संकुल समन्वयक पति ने राजेंद्र कुमार को अपने निशाने पर ले रखा है। शाला के सूत्रों के अनुसार संकुल समन्वयक द्वारा ही उक्त शाला का लिपिकीय कार्य भी निपटाया जा रहा है। जानकारी तो यह भी मिली है की संकुल समन्वयक पद की आड़ में लिपकीय कार्य के बहाने कई बिलों, हिसाब किताब और दस्तावेजों में गड़बड़ी कर अपने उच्च अधिकारी को बरगलाने का काम किया जा रहा है। संस्था की राशि और शासन से विभिन्न प्रयोजनों के लिए मिलने वाले धन की गड़बड़ी का खुला खेल नेतानार हाई स्कूल में चल रहा है। यही कारण है की उक्त लिपिक को उनका मूल कार्यभार नही दिया जा रहा है। कुल मिलाकर सैया भए कोतवाल की कहावत को चरितार्थ करते हुए प्रभारी प्राचार्य अपने सीएसी पति के साथ मिलकर स्कूल के लिपिकीय हिसाब में गड़बड़ी कर रहे हैं। लोगों ने पति- पत्नी को अलग अलग स्कूलों में पदस्थ करने तथा उनके अब तक के सारे कृत्यों की जांच कराने की मांग कलेक्टर बस्तर और जिला शिक्षा अधिकारी बस्तर से की है।