- अविनाश ग्रुप और उसके मैनेजर पर एफआईआर
- 30 लाख रू. ले लिए, फ्लैट बुक ही नहीं किया फर्म ने
- अविनाश ग्रुप ने मैनेजर की करतूत से झाड़ लिया पल्ला
अर्जुन झा
जगदलपुर छत्तीसगढ़ के नामी बिल्डर अविनाश इन्फ्रा प्रोजेक्ट प्रायवेट लिमिटेड पर धोखाधड़ी का बड़ा दाग लगा है। तीस लाख रूपए लेने के बाद भी फ्लैट बुक नहीं करने पर अविनाश ग्रुप रायपुर और उसके एक सेल्स मैनेजर के खिलाफ जगदलपुर के बोधघाट थाने में धोखाधड़ी का मामला दर्ज हुआ है।
अविनाश इंफ्रा प्रोजेक्ट प्रा. लि. केतत्कालीन सेल्स मैनेजर देवेंद्र साहू ने नगर के मोतीलाल नेहरू वार्ड नयापारा निवासी जितेंद्र एन. सिंह से 30 लाख रुपए में फ्लैट दिलाने के नाम पर ठगी की है। बोधघाट थाने में लिखित शिकायत के बाद फर्म और मैनेजर देवेंद्र साहू के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। अविनाश इंफ्रा प्रोजेक्ट के नाम से जितेंद्र एन सिंह को रसीद मिली है, किंतु उसके बाद भी मैनेजमेंट ने मैनेजर से पल्ला झाड़ लिया है। शिकायतकर्ता जितेंद्र एन सिंह की माताजी लीलावती सिंह के नाम से फ्लैट बुक नहीं किया गया है। बोधघाट थाने में दर्ज एफआईआर अनुसार 31दिसंबर 2019 से अविनाश इन्फ्रा प्रोजेक्ट प्रायवेट लिमिटेड द्वारा ग्राम कंगोली जगदलपुर में स्थित अविनाश वुड प्रोजेक्ट में फ्लैट बुक कराने के नाम लीलावती सिंह नामक बुजुर्ग महिला से 30 लाख रुपए ले लिए गए लेकिन उनके नाम से फ्लैट बुक ही नहीं है। नयापारा वार्ड जगदलपुर निवासी जितेंद्र एन सिंह ने लिखित शिकायत में कहा है कि उन्होंने अविनाश इंफ्रा प्रोजेक्ट प्रा. लि. के कंगोली धरमपुरा में निर्माणाधीन अविनाश वुड प्रोजेक्ट में अपनी बुजुर्ग माता लीलावती सिंह के नाम पर फ्लैट बुक कराया था। इस हेतु अविनाश वुड के कार्यालय में पदस्थ सेल्स मैनेजर देवेंद्र साहू के नाम पर 31दिसंबर 2019 को फ्लैट के प्रथम किस्त के रूप में चार लाख रू. का चेक (नं. 014286) दिया था। यह चेक अविनाश इन्फ्रा प्रोजेक्ट के बजाय देवेंद्र साहू ने अपने नाम से बनवाया था।
इनकम टैक्स बचाने का खेल
शिकायत के अनुसार जब जितेंद्र सिंह ने देवेंद्र साहू से पूछा कि चेक फर्म के बजाय आप अपने नाम पर क्यों बनवा रहे हो तो देवेंद्र साहू ने कहा था कि सेठ लोग इनकम टैक्स बचाने के लिए कंपनी में कार्य कर रहे कर्मचारियों के नाम से ही चेक कटवाते हैं। देवेंद्र की बात पर यकीन करते हुए जितेंद्र एन सिंह ने देवेंद्र साहू के नाम पर क्रास चेक दिया था। बाद में और भी कई चेक के जरिए जितेंद्र एन सिंह ने भुगतान किया है
बुक ही नहीं किया गया फ्लैट
पीड़ित जितेंद्र एन सिंह के होश तब उड़ गए जब उन्हें 4 दिसंबर 2021 को अविनाश वुड के कार्यालय जाने पर पता चला कि सेल्स मैनेजर देवेंद्र साहू को नौकरी से निकाल दिया गया है। जितेंद्र एन सिंह ने फ्लैट के संबंध में जानकारी ली तो अतुल्य प्रोजेक्ट जगदलपुर के उपस्थित कर्मचारियों ने बताया कि उनकी माता लीलावती सिंह के नाम से फ्लैट ही बुक नही हुआ है।
सेल्स मैनेजर ने नहीं उठाया फोन
पीड़ित जितेंद्र एन सिंह के अनुसार देवेंद्र साहू से पावती मांगने पर उसने कहा कि उसके पिता रायपुर के अस्पताल रायपुर में भर्ती हैं, वहां से आकर पावती दे दूंगा। देवेंद्र साहू से उसके मोबाईल फोन पर 29 अगस्त 2021 को जितेंद्र सिंह की आखिरी बार बात हुई थी। तब देवेंद्र साहू ने कहा कि उसके पिता की मृत्यु हो गई है, पिता के क्रियाकर्म के बाद आकर पावती दूंगा। 3 दिसंबर 2021 को जितेंद्र सिंह ने देवेंद्र साहू के दो मोबाईल नंबरों पर कॉल किया, लेकिन देवेंद्र द्वारा जवाब नहीं दिया गया। जितेंद्र एन सिंह की लिखित शिकायत पर अविनाश इंफ्रा प्रोजेक्ट रायपुर एवं प्रोजेक्ट में कार्यरत देवेंद्र साहू सेल्स मैनेजर अविनाश वुड जगदलपुर के खिलाफ धारा 420 के तहत मामला दर्ज किया गया है। जितेंद्र एन सिंह ने सबूत बतौर बैक पास बुक की फोटो कापी व पावती की फोटो कॉपी पुलिस के समक्ष पेश की है।
जितेंद्र ने 5 चेक से दिए 30 लाख रू.
फ्लैट पाने की चाहत में जितेंद्र एन सिंह ने अविनाश इंफ्रा प्रोजेक्ट और सेल्स मैनेजर देवेंद्र साहू पर भरोसा करते हुए पांच चेक के जरिए कुल तीस लाख रुपए का भुगतान किया है। जितेंद्र एन सिंह द्वारा ने चेक क्र. 014286 दिनांक 31 दिसंबर 2019 राशि 4 लाख रू.,चेक क्रमांक 014287 दिनांक 31 जनवरी 2020 राशि 6 लाख रूपए, चेक क्रमांक 014288 दिनांक 14 अगस्त 2020 राशि 11 लाख रूपए, चेक क्रमांक 014289 दिनांक 1 फरवरी 2021 राशि 4 लाख रूपए और चेक क्रमांक 014291 दिनांक 23 मार्च 2021 राशि 5 लाख रूपए के जरिए कुल 30 लाख रूपए दिए गए हैं। चेक प्राप्त करने के बाद देवेंद्र साहू द्वारा तीन चेक की ही पावती दी गई। पावती क्रमांक 3600 दिनांक 1 जनवरी 2020 राशि 4 लाख रूपए, पावती क्रमांक 2146 दिनांक 7 फरवरी 2020 राशि 6 लाख रूपए व पावती क्रमांक 2842 दिनांक 18 अगस्त 2020 राशि 11 लाख रूपए की दी दी गई है। पावतियां अविनाश इन्फ्रा प्रोजेक्ट रायपुर के नाम से हैं जबकि अंतिम दो चेक की पावती अभी तक सेल्स मैनेजर देवेंद्र साहू द्वारा नहीं दी गई है।