अपने अधिकार के लिए आंगनबाड़ी केंद्रों में ताले जड़ सड़क पर उतरी कार्यकर्ता

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  • हीरामणी का के ईलाज और सवैतनिक अवकाश, अनुकंपा नियुक्ति, रुक्मिणी के मुद्दे

जगदलपुर नवजात से लेकर शिशुवतियों तक की देखभाल करने, सभी शासकीय योजनाओं और कार्यक्रमों में बढ़ -चढ़कर हिस्सा लेने वाली आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाएं अपने अधिकार के लिए फिर सड़क पर उतर आई हैं।कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं ने आंगनबाड़ी केंद्रों में तालाबंदी कर धरना प्रदर्शन किया। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नाम ज्ञापन कलेक्टर को सौंपा गया।

 

जगदलपुर के मंडी प्रांगण में धरना-प्रदर्शन के लिए पहुंची आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने जो मुद्दे सामने रखे हैं वे बड़े मार्मिक हैं। बताया गया है कि मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के अंतर्गत विवाह कार्यक्रम की तैयारियों में लगी बकावंड की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता हीरामणी दुर्घटना ग्रस्त हो गई है। तीन दिनों से प्रशासनिक अधिकारियों की उसके प्रति बेरुखी बनी हुई है। घायल हीरामणि को देखने और उसके ईलाज पर अधिकारी कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं। इससे आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और भी उद्वेलित हो उठी हैं। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं का कहना है कि हीरामणि के उपचार का खर्च सरकार वहन करें‌। अपने अगले लाईन में कोंडागांव जिले के उड़ीदगांव निवासी प्रमिला मानिकपुरी व माकड़ी निवासी रुक्मणी ध्रुव की असामायिक मृत्यु तथा बचेली परियोजना की भांसी निवासी रमा कामो जो कि घायल है, उसके बेहतर उपचार की भी मांग उठाई गई है। इसी प्रकार बर्खास्त कर दी गई आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ की संभागीय अध्यक्ष रुकमनी सज्जन को को नौकरी पर बहाल करने की मांग की गई है। कहा गया है कि रुक्मणि सज्जन को महिला एवं बाल विकास विभाग की क्षेत्रीय अधिकारी ने दुर्भावनावश बर्खास्त कराया है। संघ के जिम्मेदार पद पर होने के नाते रुक्मणि उक्त अधिकारी के नाजायज कार्यों का विरोध करती रही हैं। संघ ने कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को गैर विभागीय कार्यो से दूर रखने, घायल कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं को सवैतनिक अवकाश सहित 5 से 10 लाख रुपए देने, मृत्यु होने पर आश्रित को अनुकम्पा नियुक्ति देने, एकमुश्त 50 लाख रुपए तथा रिटायरमेंट के बाद 20 हजार रुपए की मासिक पेंशन देने की मांग की गई है।