अन्तागढ़ को जिला बनाने की धरना प्रदर्शन के 25 वे दिन बोंदानार के ग्रामीण पहुंचे धरना स्थल, धरना प्रदर्शन का किया समर्थन, अंतागढ़ को जिला बनाने किया मांग

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सन 1908 में ब्रिटिश काल के समय जब रायपुर जिला हुआ करता था तब बस्तर रियासत में जगदलपुर और अंतागढ़ तहसील हुआ करते थे। जिसके बाद में बस्तर मै कई तहसील बन कर आज जिले भी बन चुके है वहीं जगदलपुर भी जिला बनकर विकास कर चुका है परन्तु ब्रिटिश कालीन अंतागढ़ तहसील आज भी अपने विकास की रह ताक रहा है अंतागढ़ क्षेत्र में ना सही सड़के है ना कोई सुविधा, वहीं सुविधा वा क्षेत्र के विकास के लिए अंतागढ़ को जिला बनाने की मांग क्षेत्रवासी लम्बे समय से कर रहे है। जिसका मांग अब तूल पकड़ने लगा है जिसके लिए अंतागढ़ को जिला बनाने अनिश्चित कालीन धरना प्रदर्शन 18 अगस्त से शुरू किया गया है, जिसके समर्थन में आज अन्तागढ़ ब्लॉक के ग्राम पंचाय त बोंदानार के सैकड़ों ग्रामीण रैली निकालकर धरना स्थल पहुंच अन्तागढ़ को जिला बनाने की जायज मांगों का समर्थन किया , बता दें कि आज अंतागढ़ जिला बनाओ धरना प्रदर्शन के 25 वे दिन ग्राम पंचायत बोंदानार के ग्रामीण आज अंतागढ़ को जिला बनाने के समर्थन में अंतागढ़ पहुंचे जहां सैकड़ों ग्रामीणों द्वारा मद्रासी पारा के अटल चौक से लेकर धरना स्थल शहीद वीर नारायण चौक तक एक रैली के रूप में हाथों में बैनर पोस्टर लिए अंतागढ़ को जिला बनाओ के नारों के साथ बड़ी संख्या में महिलाएं युवा वर्ग और बुजुर्ग शामिल हुवे जिनमें तो कई बुजुर्ग लाठी के सहारे रैली में चलते दिखे धरना स्थल पहुंचकर ग्रामीणों ने एक सभा का आयोजन किया जिसमें सभी ने अपने अपने उद्बोधन दीया सभी ने अंतागढ़ को जिला बनाया जाने की मांग को सही बताते हुए तत्काल ही जिले की दर्जा देने की बात कही |

धरना में उपस्थित ग्रामीणों को बद्री गावड़े जनपद अध्यक्ष ने सम्बोधित करते हुये कहा कि अंतागढ़ को जिला बनाने की मांग आज अंतागढ़ क्षेत्र के हर ग्रामीण बुजुर्ग,माता बहनों, बच्चे,नवजवान का आंदोलन बन चुका है। आज हर वर्ग अंतागढ़ को जिला बनाए जाने की मांग करने लगे है। शासन को तत्काल अंतागढ़ को जिला बनाने पर पहल कर देना चाहिए। गावड़े जी ने आगे कहा कि अगर अंतागढ़ को जिला बनाने की पहल सरकार के तरफ से नही होगा तो हम समस्त ग्रामीण उग्र प्रदशर्न करने के लिये बाध्य होंगे,जिसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी।पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष संजय ध्रुव ने कहा आज ब्रिटिस कालीन तहसील अंतागढ़ अपनी पहचान के लिये तरस रहा है। छोटे-छोटे शहर जिनका नाम भी नही था वो आज जिला का दर्जा लेकर अपनी पहचान बिखेर रही है लेकिन अंतागढ़ ब्रिटिश कालीन तहसील होने के बाद भी अपनी पहचान बनाने संघर्ष कर रहा है। शासन-प्रशासन को लंबे समय से जिला बनाने की मांग को संज्ञान लेकर तत्काल घोषित करना चाहिए।रैली के बाद आदिवासी नेता सन्तराम सलाम ने कहा कि हमारा जिला बनाओ को आज गांव गांव से जनसमर्थन मिल रहा है,आंदोलन को हर समाज के तरफ से भी जनसहयोग मिल रहा है। आज अंतागढ़ को जिला बनाने आमाबेड़ा में भी अनिश्चित कालीन धरना भी शुरू किया गया है।सभा को सम्बोधित करते हुए सलाम ने पुनः कहा कि जिला अंतागढ़ बनेगा तो रोजगार सहित,पानी, बिजली स्कूल,अस्पताल की सुविधाएं बेहतर तरीके से मिलेगी। आज अंतागढ़ क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाएं खुद बीमार है। लोगो को इलाज हेतु बाहर जाना पड़ता है।जिला का निर्माण होता है तो ये सारी सुविधाएं हमे अंतागढ़ में ही मिलना शुरू हो जाएगा,इस लिये अंतागढ़ को जिला बनाने की जरूरत है।

सभा समाप्त होने के पश्चात आमा गांव के ग्रामीण द्वारा धरना स्थल से तहसील कार्यालय नयापारा तक रैली निकाल ज्ञापन देने के पहुंचे इस दौरान बारिश होने लगी लेकिन ग्रामीणों का हौसला देखते ही बना वह बारिश में भी छाता तानकर तहसील कार्यालय अंतागढ़ पहुंचे जहां उन्होंने अंतागढ़ को जिला बनाने के संबंध में मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। वहीं दूसरी ओर अंतागढ़ से 30 की मी दूर दुरस्त आमाबेड़ा ब्लाक में भी अंतागढ़ को जिला बनाने के लिए धरना प्रदर्शन जारी किया है जिसका आज 17 वे दिन है अंतागढ़ को जिला बनाने अंतागढ़ धरना स्थल में रोजाना अलग अलग पंचायत के सैकड़ों ग्रामीण अंतागढ़ को जिला बनाने समर्थन कर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपे है अंतागढ़ में धरना प्रदर्शन में प्रमुखता से वरिष्ठ अंतागढ़ निवासी रामटेके वह संतराम सलाम के साथ-साथ एवं भारी तादाद में प्रत्येक समाज के एवं ग्रामीणों ने अपनी जायज मांगों को लेकर उपस्थिति दर्ज कराई अपनी मांगों को लेकर रोजाना हर तहसील विकासखंड के ग्रामीण तहसीलों में जा जाकर लगातार ज्ञापन सौंप रहे हैं क्योंकि अंतागढ़ जिला बनने से दो सारी सरकारी योजनाओं का लाभ एवं मूलभूत सुविधाओं लाभ ग्रामीणों तक पहुंचने में सुलभ होगा स्वास्थ्य सुविधा शिक्षा एवं जनहित के कल्याणकारी शासकीय योजनाओं का सीधा लाभ अंतागढ़ निवासियों को मिलेगा जिसके लिए समस्त अंतागढ़ के रहवासी संघर्षरत है