रायपुर – गिरदावरी कार्य के दौरान ही राजस्व अधिकारियों एवं शासन स्तर के उच्च अधिकारियों द्वारा गिरदावरी की जांच कर पटवारियों एवं राजस्व निरीक्षक के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा रही है, जो सर्वथा अनुचित है. गिरदावरी उपरांत प्रकाशन व संशोधन उपरांत प्रविष्टियों में गलती पाए जाने पर दोषी आरोपित करें. इसके अलावा प्रकाशन व ऑनलाइन फसल प्रविष्टि बगैर गिरदावरी को पूर्ण न माना जाए, धान पंजीयन के लिए समय को बढ़ाया जावे.
संघ ने कहा कि एक पटवारी के पास 4000-9000 खसरा नंबर होते हैं, सभी खसरा नंबर को भूमि में सभी फसलों का फोटो लेकर रखना संभव नहीं है. इसी तरह एक राजस्व निरीक्षक के प्रभार क्षेत्र में लगभग 40000-80000 खसरा नंबर आते हैं, जिसका 25 प्रतिशत यानि 10000-20000 खसरा प्रविष्टियों की फोटो सहित गिरदावरी जांच पूर्णतः अव्यवहारिक है. यही नहीं इन कार्यों को 50 दिनों में संपादिक किया जाना बहुत मुश्किल है.
पटवारी संघ को ओर से फोटोयुक्त गिरदावरी का पटवारी एवं राजस्व निरीक्षक बहिष्कार करने की घोषणा करते हुए कहा कि राजस्व निरीक्षक द्वारा गिरदावरी जांच का निर्धारण 25 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत फोटो रहित किया जावे. इसके अलावा कोरोना काल में पटवारी व राजस्व निरीक्षक राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अंतर्गत 24 घण्टे एवं सातों दिन पदीय कर्तव्यों के साथ–साथ समय पर शासन द्वारा जारी निर्देशों के पालन व क्रियान्यवन किया जा रहा है. इसे ध्यान में रखते हुए बीमा किए जाने की मांग की गई है.
इसके अलावा ऑनलाइन प्रविष्टियों के लिए बनाई गई सॉफ्टवेयर में कई तरह की तकनीकि खामियां है, निराकरण करने वाले सहायक प्रोग्रामर मंत्रालय में रहकर संचालन करते हैं जिसके कारण तहसील व जिला स्तर की समस्याएं यथावत है.