दल्लीराजहरा शहर में पिछले 8-10 माह से अवैध कारोबार गली कुचों में चल रहा है प्रशासन की कार्यवाही केवल दिखावा साबित हो रही है अवैध कारोबारियों का इतना बढ़ा हुआ मनोबल समझ के परे है शहर में चर्चा का विषय यह भी है कि इन अवैध कारोबारियों के सीधे संपर्क कुछ नेताओं से है जिनके संबंधों का लाभ उठाकर या हिस्सेदारी देकर अपना कारोबार दबंगई से चला रहे है और कार्यवाही के नाम पर निचले स्तर के छुटभैये कारोबारी पर कार्यवाही कर प्रशासन भी अपनी खानापूर्ति कर रही है |
गली मोहल्लों में पुराने समय को याद कराते हुए सट्टा खाईवाल के गुर्गे अपनी दुकान सजाकर बैठे है पुलिस की कार्यवाही केवल छुटभैये या नए सटोरियों तक ही सिमित होकर रह गई है बड़ा मुनाफा देख कोरोना काल में बेरोजगार युवक इस अवैध कारोबार की ओर आकर्षित हो रहे है | दल्लीराजहरा शहर पुराने समय में बड़े खाईवालों का अड्डा हुआ करता था जो कि सिंडिकेट बनाकर खुलेआम अपना कारोबार करते थे धीरे-धीरे शहर का वातावरण उसी ओर जा रहा है जुए एवं सट्टे का कारोबार दिनोदिन बढ़ रहा है |
जुए पर भी कई कार्यवाही होने के बावजूद जुआरी नई नई जगह पर फड बिछा लाखों का जुआ चला रहे है | जुए के फड में भी कई गुट सक्रीय हो गए है जो कि अपने वर्चस्व बनाने में जुटे हुए है किन्तु राजनितिक शह एवं पहुँच का लाभ लेकर कार्यवाही से बच रहे है |
इसी प्रकार लगातार कार्यवाही के बाद भी इतनी बड़ी मात्रा में शराब कोचियाओं पर कार्यवाही होने के बावजूद भी बेखौफ रूप से शहर के गली मोहल्लों होटलों में शराब का बिकना प्रशासन की कार्यवाही पर प्रश्नचिन्ह लगाता है | यहाँ पर यह बताना भी लाजिमी है कि अवैध शराब बिक्री का मामला आबकारी विभाग से सम्बंधित है किन्तु उनकी भूमिका शुन्य नजर आती है उलटे ही शराब दुकान के आसपास ही पुलिस द्वारा लगातार कार्यवाही कर शराब विक्रेताओं से बड़ी मात्रा में शराब जब्ती की जाती है प्रश्न यह उठता है कि बारकोडिंग होने के बावजूद शराब कोचियाओं को इतनी मात्रा में शराब काउंटर से कैसे मिल जाती है सूत्रों द्वारा जानकारी प्राप्त करने पर यह बात भी सामने आई कि कुछ शराब कोचियाओं की साठगाठ शराब दुकान के विक्रेताओं से भी है जिन्हें पीछे के दरवाजे से भी शराब की पूर्ति की जाती है आबकारी विभाग का इस तरह निष्क्रिय होना दूसरी ओर इंगित करता है अंग्रेजी शराब दुकानों में तो ऊपर की राशि देकर अपने मनचाही ब्रांड की शराब ली जा सकती है जिसका लाभ होम डिलीवरी के नाम पर भी निर्धारित दर से ज्यादा रुपये लिया जा रहा है |
अवैध कारोबारियों का मनोबल इतना बढ़ा हुआ है कि बस स्टैंड के पास कुछ लोगों के उकसाकर अवैध व्यवसाय करने वालों द्वारा समाचार प्रकाशित करने पर उनके कार्यालय के सामने जाकर नारेबाजी करवाने से भी नहीं चुक रहे | पत्रकार द्वारा थाने में शिकायत करने पर कार्यवाही करने की बजाय जांच करने की बात कहने लगे कार्यवाही में माहिर दल्लीराजहरा का पुलिस प्रशासन लगातार कार्यवाही कर कर भी अवैध कारोबार को रोकने में क्यों सफल नहीं हो पा रहे है चाहे मामला जुआ, सट्टा, शराब जैसे अवैध कारोबार करने वालों का हो किन्तु पुलिस की सक्रियता का परिणाम जो भी हो पर शहर में अवैध कारोबारियों का मनोबल लगातार बढ़ रहा है इसके पीछे चाहे राजनितिक संरक्षण हो या कोई अन्य दबाव शहर का वातावरण दूषित हो रहा है आम जनता को अपने पुराने दिन याद आने लगे है जिसमे लोग शराब जुआ एवं सट्टा के लत में फंसकर अपना एवं अपने परिवार को बर्बादी की कगार पर चले जाते थे |