दल्ली राजहरा – विश्व पटल पर अंकित एक नाम मजदूरों के मसीहा शहीद शंकर गुहा नियोगी जिनकी मजदूरों की प्रति समर्पण एवं सकारात्मक सोच एवं दूरदर्शी निर्णय का परिणाम शहीद अस्पताल है मजदूरों को उचित चिकित्सा सुविधा नहीं मिल पाने के कारण इस अस्पताल की स्थापना आज ही के दिन सन 1977 में 11 साथी शहीद हुए । उनके नाम से हॉस्पिटल का नाम शहीद हॉस्पिटल रखा गया 3जून 1983 को हॉस्पिटल का उदघाटन हुआ।मुख्याथिति के रूप में
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नाग भूषण पटनायक जी भगत सिंह की बहन थी हॉस्पिटल का उदघाटन एक किसान ओर एक मजदूर के हाथों से किया गया था। आज 3 जून को शहीद दिवस ओर हॉस्पिटल स्थापना दिवस मनाया जा रहा है। कार्यक्रम के शुरवात में शहीद शंकर गुहा नियोगी जी फ़ोटो में पूजा अर्चना की गई । एवम डॉ शैबाल जाना सर एवम जाना मेडम सभी डॉ एवम नर्स उपस्थित थे।
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चिकित्सा के क्षेत्र में बड़ा नाम बन चुका दल्ली राजहरा में आसपास की 50 किलोमीटर दूरी तक अपनी पहचान बना चुका शहीद अस्पताल आप किसी परिचय का मोहताज नहीं नाम मात्र की कीमत पर बीमारी का समुचित इलाज की सुविधा गरीबों के लिए प्राण दायिनी बन चुका है
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सीमित संसाधनों एवं कम जगह पर भी अच्छा इलाज शहीद अस्पताल की पहचान है लोग यहां पर बैड ना मिलने पर भी मरीज इलाज कराने के लिए जमीन में बिस्तर लगाकर इलाज करवाते हैं |