- सरकार के आदेश की उड़ा रहे हैं सरेआम धज्जियां
- जिले के ज्यादातर डॉक्टर जिला मुख्यालय में कर रहे हैं प्रेक्टिस
अर्जुन झा-
जगदलपुर लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के आदेश की बस्तर जिले के सरकारी डॉक्टर्स खुलकर धज्जियां उड़ा रहे हैं। जगदलपुर के अलावा बस्तर जिले के विभिन्न सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में पदस्थ सरकारी डॉक्टर अपने कर्तव्य स्थल वाले अस्पतालों में कम और अपनी निजी क्लीनिकों में ज्यादा समय दे रहे हैं। बकावंड, बस्तर, भानपुरी, लोहंडीगुड़ा, नगरनार, दरभा समेत तमाम सरकारी अस्पतालों के अधिकांश डॉक्टर्स अपने मुख्यालयों में न रहकर जगदलपुर में बसेरा किए हुए हैं। कई डॉक्टर्स ने यहां आलिशान मकान बनवा लिए हैं, जहां वे अपनी क्लीनिक चला रहे हैं, जहां मोटी फीस लेकर वे मरीजों का ईलाज करते हैं। रोज ये डॉक्टर्स अपना अधिकतर समय अपनी निजी क्लीनिकों में गुजारते हैं। जब समय मिल जाता है तो अपने कर्तव्य स्थल की ओर झांकने चले जाते हैं। कई डॉक्टरों ने विकासखंड मुख्यालयों में भी अपनी क्लीनिक खोल रखी है। जहां वे पूरी तरह बिंदास होकर प्राइवेट प्रेक्टिस करते रहते हैं। यहां तक किया सरकारी अस्पतालों के कंपाउंडर और अन्य कर्मी भी गांवों में दवाखना खोलकर ग्रामीणों का इलाज कर रहे हैं। सरकारी अस्पतालों में डॉक्टर और अन्य स्वास्थ्य कर्मी बहुत ही कम नजर आते हैं। कई डॉक्टर्स ने तो जगदलपुर और कुछ बड़े विकासखंड मुख्यालयों में नर्सिंग होम भी खोल रखे हैं, जहां मालिक डॉक्टर के अलावा अन्य सरकारी डॉक्टर भी सेवाएं देने नियमित रूप से पहुंचते हैं। जगदलपुर शहर के जिला चिकित्सालय महारानी अस्पताल के डॉक्टर से लेकर डिमरपाल मेडिकल कॉलेज में पदस्थ डॉक्टर तक ने अपने सरकारी आवासों के साथ ही निजी मकानों, कॉम्प्लेक्स में अपने नर्सिंग होम खोल रखे हैं।इन नर्सिंग होम्स में मरीजों के हर मर्ज के इलाज, ऑपरेशन आदि की हर सुविधा उपलब्ध है। कुछ जगह तो अवैधानिक गर्भपात भी किया जाता है। ये सारे डॉक्टर लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के विशेष सचिव चंदन कुमार द्वारा जारी आदेश की सरेआम धज्जियां उड़ा रहे हैं। जिला प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त संचालक और सीएमएचओ इस आदेश का पालन नहीं करा रहे हैं।