ओमकार गागड़ा कंस्ट्रक्शन को उपकृत करने फेर में मासूमों की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं अधिकारी

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  •  भवन निर्माण को अधूरा छोड़ दिया है ठेकेदार ने
  • टीन शेड के नीचे तपते हुए पढ़ाई कर रहे हैं नौनिहाल
    -अर्जुन झा-
    बकावंड जनपद पंचायत बकावंड के अधिकारी गागड़ा कंस्ट्रक्शन कंपनी को उपकृत करने और अपना स्वार्थ सिद्ध करने के लिए मासूम बच्चों की सेहत और जान से खिलवाड़ करने पर आमादा हो गए हैं। समय सीमा गुजर जाने के बाद भी गागड़ा ठेकेदार ने शाला भवन का निर्माण पूरा नहीं कराया है और बच्चों को इस भीषण गर्मी में टीन शेड के तले बैठकर तपते हुए पढ़ाई करना पड़ रही है।
    गागड़ा कंस्ट्रक्शन कंपनी पर बकावंड जनपद पंचायत के अधिकारी कुछ ज्यादा ही मेहरबान हैं। हर काम का ठेका इसी कंस्ट्रक्शन कंपनी को दिया जाता है, जबकि उसके द्वारा कराए जाने वाले निर्माण कार्यों की गुणवत्ता पर अक्सर सवाल उठते रहते हैं। यही नहीं गागड़ा कंस्ट्रक्शन कंपनी किसी भी निर्माण कार्य को कभी तय समय सीमा में पूरी भी नहीं करती। इस ठेका कंपनी को बकावंड विकासखंड अंतर्गत सतोषा- 2 संकुल की प्राथमिक शाला गोटीगुड़ा के लिए भवन निर्माण का ठेका बीते साल से दिया गया है। शाला भवन निर्माण की लागत राशि 15.30 लाख रू. है। मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना के तहत शाला भवन निर्माण की मंजूरी मिली है। भवन निर्माण का काम 14 फरवरी 2023 से शुरू कर दो माह के भीतर 15 अप्रैल 2023 तक पूर्ण करना था।

पूरा साल बीत चुका है, मगर शाला भवन अब तक अधूरा ही पड़ा है। पिछला गर्मी का मौसम और मानसून निकल गया मगर भवन का प्लास्टर, फ्लोरिंग समेत अन्य कार्य अब तक नहीं कराए जा सके हैं। नतीजतन बीते शैक्षणिक सत्र से प्राथमिक शाला गोटीगुड़ा के बच्चों को टीन शेड वाली झोपड़ी में बिठाकर पढ़ाया जा रहा है। बरसात के मौसम में टीन शेड से पानी टपकता है और बच्चे अंदर भीगते बैठे रहते हैं। वहीं ठंड के मौसम में उन्हें ठिठुरते रहना पड़ता है। गर्मी के मौसम में तो शिक्षकों और विद्यार्थियों का और भी बुरा हाल हो जाता है। तेज धूप की वजह से टीन शेड बुरी तरह गर्म हो जाता है और उसकी तपन नीचे कमरे तक महसूस होने लगती है। विद्यार्थी और शिक्षक पसीने से तर बतर हो जाते हैं। पिछले साल गर्मी के कारण कई बच्चे बीमार भी हो गए थे। इस साल भी यही नजारा गोटीगुड़ा के इस तथाकथित स्कूल में देखने को मिल रहा है। विद्यार्थियों की अभी से बुरी गत होने लगी है। सुबह 10.30 बजे से शाम 4 .30 बजे तक 6 से 11साल तक की उम्र वाले बच्चे तपते टीन शेड के नीचे बैठे रहते हैं। गर्मी के कारण बच्चों में सिर दर्द, चक्कर आने और उल्टी होने की शिकायत बढ़ने लगी है। मगर इसकी परवाह जनपद के अधिकारियों को है, न जिला निर्माण समिति को। जिला निर्माण समिति ही गोटीगुड़ा प्राथमिक शाला भवन की निर्माण एजेंसी है। ऐसा prtit होता है कि जिला निर्माण समिति और जनपद के अधिकारी किसी अप्रिय घटना के इंतजार में हैं।

गागड़ा कंस्ट्रक्शन के हर काम में खामी
सबसे आश्चर्य की बात तो यह है कि बकावंड जनपद क्षेत्र में कराए जाने वाले सभी तरह के निर्माण कार्यों का ठेका ओंकार गागड़ा कंस्ट्रक्शन को ही दे दिया जाता है, भले ही वह रोजगार मूलक कार्य ही क्यों न हो। ऐसा लगता है कि अधिकारी इस कंस्ट्रक्शन कंपनी के मालिक ओंकार गागड़ा पर कुछ ज्यादा ही मेहरबान हैं। सूत्र बताते हैं कि ओंकार गागड़ा अधिकारियों की सेवा में कोई कमी नहीं करते इसीलिए उन्हें ठेके देने में खास अहमियत दी जा रही है। ग्राम पंचायतों से जुड़े निर्माण कार्य भी सरपंचों पर दबाव डालकर गागड़ा कंस्ट्रक्शन को ही दिलवा दिए जाते हैं। पूरे बकावंड ब्लाक में जहां जहां भी गागड़ा कंस्ट्रक्शन के माध्यम से निर्माण कार्य कराए गए हैं और कराए जा रहे हैं, वहां वहां से निर्माण कार्यों की गुणवत्ता को लेकर सवाल उठते रहते हैं, मगर अधिकारी कुछ भी सुनने को तैयार नहीं हैं। आए दिन गागड़ा कंस्ट्रक्शन की कारगुजारी कई समाचार प्रकाशित पत्रों के जरिए सामने आती रहती है, लेकिन विभागीय अधिकारी बेखबर बने रहते हैं। गागड़ा कंस्ट्रक्शन के माध्यम से कराए गए सीसी सड़क, स्कूल भवन निर्माण समेत अन्य निर्माण कार्यों की जांच कर गागड़ा कंस्ट्रक्शन के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए, लेकिन अभी तक किसी भी कार्य की जांच तक नहीं हुई है। इससे साफ पता चलता है कि विभागीय अधिकारी गुणवत्ता विहीन कार्यों को प्रोत्साहित कर रहे हैं। निजी स्वार्थ के आगे सब कुछ गौण हो गया है।