जगदलपुर। शासन के खाजाने में जमा होने वाली रायल्टी राशि से खनिज विभाग के अधिकारियों की जेब मोटी होने लगी है। जिला प्रशासन के ज्मिेदार अफसरों को अंधेरे में रखकर रायल्टी राशि का बंदरबाट किया जा रहा है। खनिज विभाग के अधिकारी छोटी-छोटी कार्रवाई कर अफसरों के चहेते बने हुए है। कुरंदी में सैकड़ों ट्रक मुरूम का अवैध उत्खनन कर सेमरा में लगभग साढ़े 3 एकड़ भूखंड के 5 से 6 फीट एरिया को समतलीकरण किया गया है जिसकी जानकारी खनिज विभाग को होने के बाद भी अनजान बने हुए है। इस प्रकार विकास कार्रवाई को लेकर दोहरा मापदंड अपना रही है। ज्ञातव्य हो कि प्रदेश के मुखिया के प्रभार वाले विभाग में लूट मची हुई है।
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खासतौर से खनिज विभाग से प्राप्त होने वाली रायल्टी का एक बड़ा हिस्सा विभागके अधिकारियों के जेब में पहुंच रहा है ऐसा ही नजारा जिला मुख्यालय से सटा पंचायत सेमरा में देखा जा सकता है। जानकारी के अनुसार कुरंदी पंचायत में अवैध उत्खनन कर सेमरा पंचायत में हाईवे से लगा एक बड़ा भूखंड को समतलीकरण किया गया है। पंचायत से मिली जानकारी के अनुसार लगभग 3 एकड़ 18 डिसमिल एरिया लगभग 6 फीट उंची समतलीकरण करने में एक हजार से अधिक हाईवा मुरूम का उपयोग किया गया है यह सब कारनामा खनिज विभाग के संरक्षण में कराये जाने की खबर है। बताया जा रहा है कि खनिज विभाग शहर के कुछ ठेकेदारों कोफायदा पहुंचाने के उद्देश्य से मुरूम का अवैध उत्खनन एवं परिवहन की छूट दे रखी है जिसकी शिकायत मिलने पर भी खनिज विभाग अनदेखी करती है जिसका नजारा कुरंदी पंचायत में देखा जा सकता है।
पंचायत को पांच हजार की रायल्टी :
कुरंदी पंचायत 2 के सरपंच ने बताया कि मुरूम उत्खनन को लेकर पांच हजार की रायल्टी जमा कराई गई है जब उनसे रसीद के संबंध में जानकारी चाही गई तो टाल मटोल करते हुए रसीद संख्या बताने को लेकर आना कानी करते रहे। इस मामले में वहां के सचिव से जानकारी चाही गई तो इसकी जानकारी नहीं होने की बात कही।
रायल्टी राशि में बंदरबाट:
खनिज विभाग ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने में साहस जुटाती है जो उन्हे चढ़ावा नहीं चढ़ा पाते। चढ़ावा चढ़ाने वाले अवैध मुरूम उत्खनन करने वालों को नजरअंदाज किया जाता है। मुरूम उत्खनन से शासन को मिलने वाली रायल्टी राशि की बड़े पैमाने पर बंदरबाट की जा रही है इससे शासन को भी लाखों का नुकसान उठाना पड़ रहा है। समतलीकरण की ली अनुमति: प्रभारी खनिज अधिकारी चेरपा ने बताया कि कुरंदी पंचायत में खसरा नं.296 रकबा 0.40 हेक्टेयर भूमि को समतलीकरण के लिए किसान ईश्वर कश्यप के द्वारा अनुमति ली गई थी। जब विभाग से पूछा गया कि उक्त स्थान पर तालाब का निर्माण कराया गया है तो वह गोल-मोल जवाब देते हुए कुछ भी बोलनने से बचते रहे। खनिज विभाग जिस स्थान पर भूमि समतलीकरण की बात कह रही है उस स्थान पर 40 बाई 30 के एरिया में लगभग 10 से 15 फीट गड्ढा कर मुरूम का अवैध उत्खनन किया गया है लेकिन खनिज विभाग इसे भूमि समतलीकरण होना बताया रही है। मामले की जांच कराई जाये तो खनिज विभाग की उदासिनता उजागर हो सकती है।