- पखांजुर के परलकोट जलाशय में गिर गया था खाद्य निरीक्षक राजेश विश्वास का महंगा मोबाईल फोन
- भीषण गर्मी में 21 लाख लीटर पानी की बर्बादी के लिए कांकेर कलेक्टर ने कर दिया सस्पेंड
कांकेर एक फूड इंस्पेक्टर ने बांध में गिरे अपने महंगे सेलफोन को ढूंढने के लिए बांध का पूरा पानी खाली करा दिया। कलेक्टर के निर्देश पर मामले की जांच हुई और 21 लाख लीटर पानी व्यर्थ बहा दिए जाने की बात सामने आए। इसके बाद कलेक्टर ने फूड इंस्पेक्टर को निलंबित कर दिया।मामला कांकेर जिले के राजस्व अनुविभाग पखांजुर में स्थित खैरकट्टा परलकोट जलाशय से जुड़ा है। पखांजुर के खाद्य निरीक्षक राजेश विश्वास बीते 21 मई को सैर के लिए इस जलाशय में गए थे। इसी दौरान उनका महंगा मोबाईल फोन हाथ से छूटकर बांध के पानी में जा गिरा। यह सेलफोन बेशकीमती था, लिहाजा फूड इंस्पेक्टर साहब के पसीने छूटने लगे। उन्होंने आव देखा न ताव, तुरंत तीस हॉर्स पॉवर डीजल पंप बुलवाकर बांध का पानी बाहर निकलवाना शुरू कर दिया। लगातार चार दिनों तक बांध को खाली करने के लिए पंप चलाया जाता रहा। जब बांध पूरी तरह से जल विहीन हो गया तब कहीं जाकर साहब का सेलफोन मिल पाया। तब तक फूड इंस्पेक्टर की इस कारगुजारी की खबर कांकेर की कलेक्टर डॉ. प्रियंका शुक्ला तक भी पहुंच गई। कलेक्टर ने मामले की जांच के निर्देश पखांजुर के एसडीएम को दिए। एसडीएम ने जांच में पाया कि खाद्य निरीक्षक ने बिना सक्षम अधिकारी की अनुमति के परलकोट जलाशय के वेस्ट वियर का 41104 क्यूबिक मीटर पानी सिर्फ एक मोबाईल फोन को ढूंढने के लिए खाली करा दिया है। एसडीएम से जांच प्रतिवेदन मिलने के बाद कलेक्टर डॉ. प्रियंका शुक्ला ने फूड इंस्पेक्टर राजेश विश्वास के इस कृत्य को छत्तीसगढ़ सिविल सेवा के प्रावधानों और नियमों के विपरीत मानते हुए उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। जिला प्रशासन का मानना है कि भीषण गर्मी के इस दौर में 21 लाख लीटर पानी को व्यर्थ बहा दिया गया है।
दर्ज हो आपराधिक मामला
खैरकट्टा परलकोट जलाशय सिंचाई और निस्तार के लिए खैरकट्टा, परलकोट समेत दर्जनों गांवों के ग्रामीणों का बड़ा सहारा है। गर्मी के इस मौसम में जब कुंए, तालाब, पोखर आदि अमूमन सारे जलस्त्रोत दम तोड़ चुके हैं, तब यह जलाशय लोगों की पानी की जरूरत पूरी करता आ रहा था। वहीं ग्रामीणों के मवेशियों और वन्य प्राणियों की प्यास भी इसी जलाशय के दम पर बुझती रही है। ऐसे समय में फूड इंस्पेक्टर द्वारा महज एक मोबाईल फोन के लिए पूरे जलाशय को जल विहीन कर देना घोर आपराधिक कृत्य की श्रेणी में आता है। वहीं जल संसाधन विभाग के वे स्थानीय अधिकारी भी इस कृत्य में उतने ही भागीदार हैं, जितना कि विश्वास। ग्रामीणों की मांग है कि फूड इंस्पेक्टर और जल संसाधन विभाग के स्थानीय अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज कराया जाए।