साय सरकार के तीन माह में ही स्वास्थ्य व्यवस्था बदहाल, न दवा, न जांच, न ईलाज: दीपक बैज

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  • केंद्र सरकार ने टीबी की दवा भेजना बंद कर दी

जगदलपुर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार आते ही छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य सेवा पूरी तरह से चरमरा गई है। सरकारी अस्पतालों में मरीज को न पर्याप्त दवा मिल पा रही है, न जांच हो पा रही है और न ही समुचित इलाज का प्रबंध है। डबल इंजन की सरकार बनने के बाद से छत्तीसगढ़ को केंद्र से पिछले सवा माह से टीबी की दवाई की सप्लाई भी बंद कर दी गई है जिससे टीबी के मरीज बेमौत मरने मजबूर हैं।

दीपक बैज ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में विष्णुदेव साय सरकार आने के बाद से विगत 3 माह में प्रशासन की उपेक्षा और घोर लापरवाही के चलते 20 करोड़ से अधिक की पोलियो वैक्सीन एक्सपायर हो गई है। हितग्राहियों को वैक्सीन लगवाने, व्यवस्था करने या सुपरविजन तक की जहमत उठाना भाजपा की सरकार जरूरी नहीं समझती है। पीसीसी चीफ दीपक बैज ने कहा कि छत्तीसगढ़ में विष्णु देव साय सरकार की उपेक्षा के चलते ही लगभग 300 करोड़ से अधिक के टेस्ट किट विगत तीन माह के दौरान एक्सपायर होकर अनुपयोगी हो चुके हैं। भाजपा की साय सरकार का पूरा फोकस केवल नए-नए तरह के उपकरण, दवा और केमिकल खरीदी में है, ताकि जमकर कमीशनखोरी की जा सके। अस्पतालों की व्यवस्था सुधारने, जांच दवा और इलाज की समुचित व्यवस्था करने में विष्णु देव साय सरकार की कोई रुचि नहीं है। भाजपा के 15 साल में 4 सरकारी मेडिकल कॉलेज बने थे। कांग्रेस के विगत 5 वर्षो के कार्यकाल में 8 सरकारी नए मेडिकल कॉलेज बने। सभी जिला अस्पतालों को मल्टीस्पेशलिटी हास्पिटल के रूप में उन्नयन किया गया था। सभी ब्लाक अस्पतालों में भर्ती की सुविधा शुरू की गई थी। 1900 से अधिक वेलनेस सेंटर संचालित थे। कांग्रेस के कार्यकाल में छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य का इंफ्रास्ट्रक्चर तीन गुना अधिक बेहतर हुआ था। साय सरकार की अकर्मण्यता के चलते ही पूर्ववर्ती सरकार के दौरान संचालित हमर अस्पताल, हाट बाजार क्लीनिक, मोहल्ला क्लीनिक, शहरी स्लम चिकित्सा केंद्र में भी बदहाली का आलम है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि आयुष्मान योजना का ढोल पीटने वाले भाजपा नेता यह बताएं कि अस्पतालों का लंबित भुगतान क्यों रोका गया है? छत्तीसगढ़ के किसी भी अस्पताल में आयुष्मान योजना के तहत समुचित इलाज नहीं हो पा रहा है। किसी न किसी बहाने मरीजों को कार्ड से इलाज के बजाय नगद जमा करने बाध्य किया जा रहा है। भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के संरक्षण में आयुष्मान पर इलाज के नाम पर धोखाधड़ी और लूट मची है। विगत दिनों केंद्र सरकार के सीएजी की रिपोर्ट में भी खुलासा हुआ है कि आयुष्मान कार्ड से इलाज के नाम पर मृत व्यक्तियों के इलाज पर खर्च दिखाकर भारी भरकम राशि निकाली गई, फर्जी कार्ड बनाए गए। वास्तविक हितग्राहियों का इलाज आयुष्मान कार्ड से नहीं हो पा रहा है। पूर्ववर्ती सरकार के दौरान छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना के नाम पर 25 लाख तक चिकित्सा सहायता दी जाती थी, वह भी अघोषित तौर पर बंद कर दी गई है। विष्णुदेव साय सरकार आने के बाद से छत्तीसगढ़ के लोग इलाज की सुविधा से वंचित हैं। साय सरकार कमीशनखोरी में मस्त है।