बस्तर संभाग के बीजापुर जिले में एकसाथ 16 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण

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  •  आत्मसमर्पित नक्सलियों में 16 लाख के ईनामी पांच नक्सली भी शामिल

जगदलपुर बस्तर संभाग के बीजापुर जिले में चलाए जा रहे नक्सली उन्मूलन अभियान के दौरान डीआरजी, बस्तर फाईटर, एसटीएफ एवं कोबरा 202, 210 सीआरपीएफ 222वीं वाहिनी के संयुक्त प्रयासों के चलते और छग शासन की पुनर्वास एवं आत्मसर्पण नीति से प्रभावित होकर 16 नक्सलियों ने 30 अप्रैल को बीजापुर के पुलिस अधीक्षक डॉ. जितेंद्र कुमार यादव, कमांडेंट सीआरपीएफ 222वी बटालियन विनोद मोहरिल, कमांडेंट कोबरा 202 अमित कुमार, कमांडेंट कोबरा 210 अशोक कुमार, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ऑप्स वैभव बैंकर, उप पुलिस अधीक्षक ऑप्स सुदीप सरकार के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया।ये नक्सली अपने साथी नक्सलियों की खोखली विचारधारा, भेदभाव पूर्ण व्यवहार, उपेक्षा व प्रताड़ना से तंग आकर यह कदम उठाया है।

आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में पीएलजीए बटालियन नम्बर 1 का सदस्य अरूण कड़ती ईनाम राशि – 8 लाख रूपए, माटवाड़ा एलओएस कमांडर एसीएम रमेश ऊर्फ मुन्ना हेमला 42 वांरट लंबित ईनाम राशि 5 लाख, आरपीसी सीएनएम कमांडर सुदरू पूनेम ईनाम- राशि 1 लाख,आरपीसी केएएमएस अध्यक्ष पायकी कारम ईनाम राशि 1 लाख, मद्देड एरिया कमेटी एलजीएस सदस्य प्रमोद ताती ऊर्फ छोटू ईनाम राशि 1 लाख, पालनार आरपीसी मिलिशिया डिप्टी कमांडर पाकलू हेमला ऊर्फ परवेश, पालनार आरपीसी जन मिलिशिया सदस्य लक्ष्मण उरसा ऊर्फ मंगू उरसा, पालनार भूमकाल मिलिशिया सदस्य आयतू पूनेम ऊर्फ वरगेश, पालनार आरपीसी अंतर्गत डॉक्टर टीम सदस्य बुधराम पोटाम, पालनार भूमकाल मिलिशिया सदस्य बुधु ताती ऊर्फ गढडा, पालनार भूमकाल मिलिशिया सदस्य लक्खू ताती, जनताना सरकार सदस्य विद्या संस्कृति शाखा अध्यक्ष पोदिया कारम,

मद्देड़ एरिया कमेटी पीएलजीए सदस्य रमेश पुनेम, पालनार आरपीसी अध्यक्ष सुखराम हेमला ऊर्फ रामलू, पालनार भूमकाल मिलिशिया सदस्य सुक्कू लेकाम ऊर्फ मांझी, जनताना सरकार सदस्य सांस्कृतिक शाखा अध्यक्ष सुक्कू ताती ये सभी नक्सली बीजापुर जिले के गंगालूर, बासागुड़ा, मिरतुर थाना क्षेत्र के पुलिस पार्टी पर हमला, मार्ग अवरूद्ध करने, कैंप पर हमला करने, सलवा जुडूम कैंप पर हमला करने, ग्रामीणों की हत्या, विस्फोटक सामग्री सप्लाई, प्रेशर आईईडी ब्लास्ट जैसी विभिन्न घटनाओं में शामिल रहे हैं। नक्सलियों के संगठन में कार्यो की उपेक्षा करने एवं भेदभाव पूर्ण व्यवहार से त्रस्त होकर एवं छग शासन की आत्मसमर्पण नीतियों से प्रभावित होकर भारत के संविधान पर विश्वास रखते हुए इन नक्सलियों ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया‌। आत्मसमर्पण करने पर इन्हें उत्साहवर्धन हेतु शासन की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति के तहत 25-25 हजार रूपए की नगद प्रोत्साहन राशि प्रदान की गई।