- मिशन घर वापस आईए से प्रभावित होकर महिला माओवादी का समर्पण
- 180 ईनामी नक्सली भी कर चुके हैं आत्मसमर्पण
-अर्जुन झा-
जगदलपुर। बस्तर संभाग के दंतेवाड़ा जिले में चलाए जा रहे अभियान लोन वर्राटू यानि घर वापस आईए तथा छत्तीसगढ़ शासन की पुनर्वास नीति का व्यापक असर देखने को मिल रहा है। अब तक 802 नक्सलियों की घर वापसी कराई जा चुकी है। आज फिर एक महिला नक्सली ने आत्मसमर्पण कर दिया।
जिला पुलिस बल और सीआरपीएफ द्वारा भटके हुए माओवादियों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए लगातार संपर्क एवं संवाद किया जा रहा है। साथ ही शासन की नक्सल पुनर्वास नीति का व्यापक प्रचार- प्रसार गांव- गांव में किया जा रहा है।. जिला पुलिस द्वारा लोन वर्राटू अभियान की सार्थकता सिद्ध हो रही है।जिसके परिणाम स्वरूप यह बदलाव माओवादी कैडर में दिखाई दे रहा है और बड़ी संख्या में माओवादी कैडर का आत्मसमर्पण लगातार हो रहा है। नक्सलियों के अमानवीय, आधारहीन विचारधारा एवं उनके शोषण, अत्याचार तथा स्थानीय आदिवासियों पर उनके द्वारा की जाने वाली हिंसा से तंग आकर नक्सलवाद की ओर भटके युवा अब समाज की मुख्यधारा से जुड़ने का संकल्प लेकर घर लौट रहे हैं। इसी कड़ी में कटेकल्याण एरिया कमेटी के प्रतिबंधित संगठन में मार्जूम पंचायत केएएमएस की 25 वर्षीया सदस्य कुमारी चैतो कवासी पिता मुड़ा कवासी जाति मुरिया निवासी मार्जूम भीमापारा थाना कटेकल्याण दंतेवाड़ा ने 17 मई को डीआरजी कार्यालय दंतेवाड़ा में आत्मसमर्पण किया। कुमारी चैतो कवासी को आत्मसमर्पण कराने में आरएफटी की रेंज फील्ड टीम, सीआरपीएफ दंतेवाड़ा का विशेष योगदान रहा।जिला पुलिस बल और सीआरपीएफ ने सभी भटके हुए माओवादियों से अपील की है कि वे हिंसा की राह छोड़कर समाज की मुख्यधारा से जुड़ने के लिए निकटतम थाना अथवा कैंप में सम्पर्क करें और क्षेत्र के विकास में अपना अमूल्य योगदान दें। पुलिस अधीक्षक दंतेवाड़ा द्वारा आत्मसमर्पित माओवादी को छत्तीसगढ़ शासन की पुनर्वास योजना के तहत 25 हजार रूपए की प्रोत्साहन राशि दी गई। चैतो को भी पुनर्वास योजना के तहत मिलने वाले सभी प्रकार के लाभ प्रदान कराए जाएंगे।लोन वर्राटू अभियान के तहत् अब तक 180 ईनामी माओवादी सहित कुल 802 माओवादी आत्मसमर्पण कर समाज के मुख्यधारा में जुड़ चुके हैं।