लौह अयस्क खदान समूह के डिप्लोमा इंजीनियर की मीटिंग 29 अक्टूबर को स्थानीय साहू सदन दल्ली राजहरा में हुई ।
डिप्लोमा इंजीनियर को चिदंबर राव, राजेश कुमार साहू, कमल कांत, व्ही पी अनिल कुमार, राजकुमार मुंडा, रामपाल, डी एस चौहान, चिरंजीव लहरें, पीयूष कांत द्विवेदी, मोती लाल जॉर्ज,
रवि नारायण राव आदि ने संबोधित किया।
संबोधन में कहां गया की हम सभी को माइंस में कार्य करते हुए लगभग 20 से 25 वर्षों के कार्यकाल के पश्चात भी उसी पद पर वरिष्ठ तकनीशियन या वरिष्ठ ऑपरेटर आदि पदों पर ही कार्यरत है। प्रबंधन द्वारा बार-बार डिप्लोमा इंजीनियरों को आश्वासन मिलता रहा है कि सम्मानजनक पद नाम जल्द लागू किया जाएगा लेकिन नहीं दिया जा रहा है ।
वर्ष 2017 में स्टील मिनिस्टर द्वारा इस्पात मंत्रालय से डिप्लोमा इंजीनियरों को जूनियर इंजीनियर पदनाम देने के आदेश जारी कर दिया था परंतु आज तक लागू नहीं किया गया।
लौह अयस्क खदान समूह के डिप्लोमा इंजीनियर S-11 ग्रेड में हैं. इन सबकी सर्विस 8 से 12 वर्षों की बची है ।यह सभी कर्मचारी इसी ग्रेड में ब्लॉक हो गए हैं। जिसके कारण इन कर्मचारियों में काफी निराशा है.
हमने पिछले वर्ष 2019 में पदनाम और प्रमोशन के संबंध में एन जे सी एस सदस्य कमलजीत सिंह मान से चर्चा की थी तथा उन्हीं के साथ सेल चेयरमैन अनिल कुमार चौधरी से दिसंबर 2019 को राजहरा आगमन पर उनसे मुलाकात करने पर सम्मानजनक पदनाम पर विस्तृत रूप से अपनी बात रखी ।जिस पर सेल चेयरमैन ने उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया था।
चर्चा के दौरान श्री कमलजीत सिंह मान ने सेल चेयरमैन अनिल कुमार चौधरी से कहा था कि इस मुद्दे को एन जे सी एस में चर्चा के लिए ना भेजें .इसे कारपोरेट ऑफिस में ही आप स्वयं निर्णय लेकर यथाशीघ्र समस्त कर्मचारियों को सम्मानजनक पदनाम दिलवाए।
नया वर्ष 2020 की शुभकामना बधाई संदेश में सेल चेयरमैन अनिल कुमार चौधरी ने कर्मचारियों को सम्मानजनक पदनाम देने की घोषणा की थी ।
जनवरी 2020 में हमारे भिलाई इस्पात संयंत्र के सीईओ अर्निबन दासगुप्ता जी ने नए वर्ष की बधाई देने लौह अयस्क खदान समूह राजहरा माइंस आए थे। उन्होंने भी माइंस में कर्मचारियों को बताया कि बहुत ही जल्द सेल के कर्मचारियों को सम्मानजनक पदनाम दिया जाएगा ।लेकिन अब तक पदनाम नहीं मिला।
पदनाम का मसला अब यूनियन के पाले में डाल दिया गया है और कहा जा रहा है कि सहमति नहीं बन रही है।
उपस्थित सभी डिप्लोमा इंजीनियर ने कहा कि हमारी एक लंबी सेवा अवधि योग्यता और अनुभव के पश्चात भी हमें अपना पदनाम बताते हुए बेहद निराशा और शर्मिंदगी महसूस होती है। जबकि प्रदेश सरकार के (पी डब्ल्यू डी/ इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड )आदि विभागों केंद्रीय सरकार तथा पब्लिक सेक्टर के उपक्रमों में डिप्लोमा इंजीनियर की नियुक्ति के समय सब इंजीनियर या जूनियर इंजीनियर या जूनियर ऑफिसर पदनाम दे दिए जाते हैं ।
हम समस्त डिप्लोमा इंजीनियर प्रबंधन से मांग करते हैं कि जिस तरह कार्यपालक वर्ग में उनकी छवि को उन्नत करते हुए अपग्रेड किया गया है सर्कुलर नंबर (Vide no. PER / CC /2019/date27.09.2019 GM personal SAIL corporate office New Delhi)उसी तर्ज पर डिप्लोमा इंजीनियर के भी सामाजिक छवि देखते हुए अपग्रेड किया जाए कंपनी पर किसी प्रकार का आर्थिक बोझ नहीं पड़ेगा एवं एक सम्मानजनक पद नाम से डिप्लोमा इंजीनियर में उत्साह वर्धन होगा ।यह भी निर्णय लिया गया कि उच्च प्रबंधन कार्मिक निदेशक तथा भिलाई इस्पात संयंत्र के डायरेक्टर इंचार्ज को मांग पत्र भेजा जाए।
उच्च प्रबंधन यदि सम्मानजनक पदनाम नहीं देता है तो आने वाले समय में डिप्लोमा इंजीनियर उग्र आंदोलन के लिए मजबूर होंगे ।जिसकी पूरी जवाबदारी प्रबंधन की होगी । राजेश कुमार साहू