- जेल से छूटते ही राज्य युवा आयोग के पूर्व सदस्य ने बीजापुर के कलेक्टर की कार्यशैली पर कसा तंज
बीजापुर डीएमएफ में भ्रष्टाचार को लेकर प्रशासन के खिलाफ भूख हड़ताल के दौरान दो दिनों की रिमांड पर जेल भेजे गए युवा आयोग के पूर्व सदस्य अजय सिंह ने जेल से बाहर आते ही जिला प्रशासन की कार्रवाई को न्यायालय में चुनौती देने की बात कही है। इसके लिए वे कानूनी सलाह ले रहे हैं।अजय सिंह ने कहा जिन बिंदुओं को आधार बनाकर उन्हें जेल भेजा गया था, उसके खिलाफ वे हाईकोर्ट में याचिका जरूर दायर करेंगे। लोहा डोंगरी में पत्रकारों से चर्चा करते हुए अजय सिंह ने बीजापुर कलेक्टर राजेंद्र कटारा की कार्यशैली पर गहरी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि कलेक्टर ने पद की गरिमा को तार-तार कर दिया है। कलेक्टर का फर्ज पूरा करने की बजाए वे पद की गरिमा को विधायक के पास गिरवी रख चुके हैं। अजय ने कहा मुख्यमंत्री को चाहिए कि वे कटारा को कलेक्टरी के साथ- साथ विधायक के निज सहायक का अतिरिक्त प्रभार भी उन्हें सौंप दें। उन्होंने कहा कि डीएमएफ का पैसा जनता का पैसा है। विधायक – कलेक्टर इसका दुरूपयोग कर रहे हैं। चहेतों को काम बांटकर राशि की बंदरबांट की जा रही है। डीएमएफ के तहत प्रदत्त मद, स्वीकृत कार्य, पूर्ण कार्य इत्यादि की जानकारी सार्वजनिक होनी चाहिए, लेकिन विधायक- प्रशासन यह कभी नही चाहेंगे। उन्हें डर है कि कहीं उन पर कार्रवाई ना हो जाए। अजय ने आशंका जताई है कि प्रशासन उन पर षड्यंत्र पूर्वक आगे भी कारवाई कर सकता है। वे उसके लिए भी तैयार हैं। डीएमएफ में भ्रष्टाचार के खिलाफ उनकी जंग आगे भी जारी रहेगी।