- पीडिया मुठभेड़ की उच्च स्तरीय न्यायिक जांच हो
- सामने आ गया भाजपा का आदिवासी विरोधी चेहरा
जगदलपुर बस्तर शहर जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सुशील मौर्य ने कहा है कि आदिवासी विरोधी भाजपा की सरकार बनते ही छत्तीसगढ़ में निर्दोष आदिवासियों की हत्या का सिलसिला सा चल पड़ा है।बस्तर संभाग संभाग में फर्जी मुठभेड़ों की आड़ में आदिवासियों की सरेआम हत्याएं कराई जा रही हैं। भाजपा का आदिवासी विरोधी चेहरा सामने आ गया है।
बीजापुर जिले में बीते 10 मई को पीडिया के जंगलों में हुई पुलिस-नक्सली मुठभेड़ में 12 आदिवासी ग्रामीणों की मौत को लेकर आदिवासी समाज द्वारा एनकाउंटर पर सवाल उठाते हुए इसे फर्जी मुठभेड़ बताया गया है। साथ आदिवासी समाज द्वारा आज 28 मई को बस्तर बंद का आह्वान किया गया था। इस बंद को बस्तर जिला कांग्रेस कमेटी ने समर्थन दिया। शहर कांग्रेस अध्यक्ष सुशील मौर्य ने कहा कि कांग्रेस हमेशा से आदिवासी समाज के साथ खड़ी रही है। आदिवासियों के उत्थान और बस्तर में शांति स्थापना के लिए पूर्ववर्ती हमारी कांग्रेस सरकार जो काम और प्रयास किए वह मील का पत्थर साबित हुए थे। तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और हमारे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने आदिवासियों के दर्द को करीब से देखा और उसे दूर करने के लिए शानदार पहल भी की। कांग्रेस सरकार के प्रयासों से बस्तर शांति का टापू बनने की ओर तेजी से अग्रसर हो रहा था। दुर्भाग्य से हमारी सरकार चली गई और भाजपा सत्ता में आ गए। इसके बाद बस्तर और यहां के आदिवासियों के लिए बुरे दौर की शुरआत हो गई। कांग्रेस नेता सुशील मौर्य ने कहा है कि भाजपा सरकार आने के बाद बस्तर में अब तक जितनी भी मुठभेड़ें हुई हुईं हैं, उनमें ज्यादातर निरीह आदिवासी ही मारे गए हैं। यह आरोप प्रभावित परिवारों और उनके गांव वालों ने भी लगाए हैं। शहर जिला कांग्रेस अध्यक्ष सुशील मौर्य ने पीडिया मुठभेड़ को आदिवासियों का नर संहार निरुपित करते हुए कहा कि अब आदिवासी इसके विरुद्ध लामबंद हो गए हैं और इसका खामियाजा भारतीय जनता पार्टी को भोगना ही पड़ेगा।शहर जिला कांग्रेस अध्यक्ष सुशील मौर्य ने कहा कि प्रदेश में भाजपा की सरकार बनते ही निर्दोष आदिवासीयों की हत्या का सिलसिला लगातार जारी है। प्रदेश की भाजपा सरकार की आदिवासियों को खत्म करने की यह बड़ी साजिश है। सरकार नहीं चाहती कि आदिवासियों को जल, जंगल और जमीन का हक मिले। वह वन एवं खनिज संपदा को अपने पूंजीपति मित्रों के हवाले करना चाहती है। इस वजह से आदिवासियों को नक्सली बताकर फर्जी मुठभेड़ों में मरवा रही है। भाजपा की सरकार बनते ही बस्तर में भयावह वातावरण उत्पन्न हो गया है। सारे ग्रामीण खौफ में जी रहे हैं। जबकि पूरा बीजापुर जिला इस फ़र्जी मुठभेड़ के विषय से भलीभांति परिचित है। श्री मौर्य ने कहा है कि पीड़िया नक्सली -पुलिस मुठभेड़ को सभी वर्गों, ग्रामीणों, सामाजिक संगठनों, मीडिया कर्मियों ने फर्जी मुठभेड़ करार दिया है। प्रदेश की भाजपा सरकार को इस फर्जी मुठभेड़ में मारे गए सभी निर्दोष आदिवासी ग्रामीणों की हत्या की हाईकोर्ट के जज की निगरानी में जांच करानी चाहिए। मौर्य ने कहा कि आदिवासी समाज द्वारा 28 मई को जो बस्तर बंद का आह्वान किया गया था, उसे कांग्रेस पार्टी पूर्ण समर्थन रहा है।