जगदलपूर। छत्तीसगढ़ राज्य सरकार द्वारा नई रेत नीति बनाया गया है और पर्यावरण संरक्षण के अनुरुप रेत खनन की अनुमति प्रदान किये जाने का प्रावधान है किंतु बड़े आमाबाल के रेत खनन ठेकेदार द्वारा शासन के नियमों को दरकिनार कर रेत कानून को तार -तार किया जा है। रेत खदान नियम को पालन कराने वाले प्रशासनिक अधिकारियों का सुस्त रवैय्या भी इसके लिए जिम्मेदार है।
देखें विडियो किस प्रकार अवैध खनन जारी है
छत्तीसगढ़ सरकार की रेत खनिज नीति के तहत बस्तर ब्लाक के बडे आमाबाल में नारंगी नदी में रेत उत्खनन हेतु …… पांड़े नामक किसी ठेकेदार को 2 वर्ष के लिए यह खनि पट्टा दिया गया है। खनि पट्टे में रेत खनन के लिए कई प्रकार की शर्ते दी गई है जिसमें खनन के मेन पावर का अधिक से अधिक उपयोग किया जाना है तो उसके विपरित जेसीबी मशीन से खुदाई किया जा रहाहै। वहीं रेत खनन के दौरान सीसीटिव्ही की निगरानी में यह उत्खनन होना चाहिए किंतु सम्पूर्ण क्षेत्र में कहीं भी सीसीटिव्ही नहीं है। इसी प्रकार स्थानीय लोगों को भी यह ठेकेदार काम नहीं दे रहा है जबकि कांग्रेस पार्टी के युवा नेता व व्यवसायी सूरज कश्यप इस उत्खनन कार्य में लगे हैं। सर्वाधिक दिलचस्प बात यह है कि देर रात तक मशीनों द्वारा उत्खनन किये जाने से इस क्षेत्र के लोगों की रात में खलल पढ़ रही है वहीं जिला खनिज विभाग द्वारा इस हेतु किसी प्रकार की कार्यवाही नहीं करने से कई प्रकार की चर्चाओं का बाजार गर्म है।
बड़े आमाबाल रेत उत्खनन के बारे में जब स्थानीय संवाददाताओं ने चर्चा करने के लिए युवा नेता व व्यवसायी सूरज कश्यप से संपर्क किया तो पहले उसने सभी दस्तावेज वाट्सअप से भेजने की बात कही यहीं नहीं दूसरी तरफ दूसरे नेता के माध्यम से मामले को नहीं छापने के लिए दवाब बनाने की भी कोशिश की गई।पुःन जब चैनल इंड़िया के संभागीय मुख्य कार्यालय से इस बारे में युवा नेता सूरज कश्यप से चर्चा किया गया तो उन्होंने ज्यादा जानकारी देने की बजाय सिर्फ यह स्वीकार किया कि कोई पांड़े इसके ठेकेदार है सिर्फ वह यह कामकाज देखते है।सवाल यह है कि ठेकेदार ने तकनीकी स्तर पर जानकारी नहीं होने वाले व्यक्ति कौ यह जिम्मेदारी क्यों सौंपा हैं जिससे यहां अवैध उत्खनन जोरों से जारी है।