विकासखंड शिक्षा कार्यालय परिसर में प्राचीन गुरुकुल जैसा हराभरा और शांत, सुरम्य वातावरण

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  •  बीईओ मानसिंह भारद्वाज और स्टॉफ का प्रकृति प्रेम अर्जुन झा
    जगदलपुर शिक्षा विभाग नई पीढ़ी को संवारने का ही काम नहीं करता, बल्कि प्रकृति को भी संवारने का काम करता है। इसका ताजा उदाहरण है विकासखंड शिक्षा कार्यालय जगदलपुर में देखने को मिला है, जहां हरियाली अनुपम छटा बिखेर रही है। यह संभव हो पाया है विकासखंड शिक्षा अधिकारी मानसिंह भारद्वाज और उनके स्टॉफ के प्रकृति प्रेम के चलते। यह कार्यालय पुराने दौर के गुरुकुल का आभास कराता है।
    बस्तर जिला इन दिनों भीषण गर्मी की चपेट में है। इंसान, पशु पक्षी सब गर्मी से बेहाल हुए जा रहे हैं। पेड़ पौधे भी सूखने लगे हैं। शीतल छांव देने वाले पेड़ निर्जीव ठूठ में तब्दील हो चले हैं। मवेशी छांव की तलाश में भटकते रहते हैं। इंसान भी हलाकान है। ऐसे जानलेवा हालात में विकासखंड शिक्षा कार्यालय परिसर जगदलपुर हरियाली से आच्छादित नजर आ रहा है। यहां बहने वाली शीतल बयार तन मन में नई स्फूर्ति ला देती है। गर्मी से बेहाल परिंदे भी यहां आकर चहकने लग जाते हैं। पक्षियों की चहचहाहट दिल को सुकून पहुंचाती है। मानो परिंदे भी कैंपस को हरियाली से आच्छादित करने वाले बीईओ मानसिंह भारद्वाज और उनके स्टॉफ का यशोगान कर रहे हों। विकास खंड शिक्षा कार्यालय परिसर में तरह तरह के पेड़ पौधे लगाए गए हैं, जो पूरे परिसर में हरियाली बिखेर रहे हैं। पक्षियों के लिए पानी के सकोरे भी कुछ पेड़ों पर टांगे गए हैं। यानि यहां हर प्राणी का ध्यान रखा गया है। बीईओ मानसिंह भारद्वाज बताते हैं कि कार्यालय परिसर में यह हरितिमा हमारे सहकर्मियों के प्रकृति प्रेम की बदौलत आ पाई है। हमारे सारे सहकर्मी साथी इन पेड़ पौधों की नियमित देखभाल करते हैं, उन्हें खाद पानी देते हैं।


यह संयोग है या दैव योग?
कार्यालय परिसर में लगे कई पेड़ पौधों के बीच रुद्राक्ष का एक पेड़ हरे हरे फलों से लदा नजर आया। जिज्ञासा हुई तो हमने बीईओ मानसिंह भारद्वाज से इस बारे में पूछा। उन्होंने बताया कि इस पेड़ को भी कर्मचारियों ने ही लगाया है। कर्मचारियों की प्रकृति के प्रति निष्ठा का ही सुफल है कि अब रुद्राक्ष का यह पेड़ फलों से लद चुका है।कुछ समय बाद इस देव वृक्ष के ये देव आभूषण पककर देवालयों, देवताओं और श्रद्धावान लोगों के कंठ की शोभा बनेंगे। वैसे रुद्राक्ष को देव, आचार्यो और गुरुओं का गहना भी माना जाता है।विकासखंड शिक्षा कार्यालय भी हमारे गुरुओं का ही कार्यालय है। इस कार्यालय में रुद्राक्ष पेड़ का होना क्या महज एक संयोग है या दैवयोग? वैसे परिसर में रुद्राक्षे लगाने के पीछे खंड शिक्षा अधिकारी मानसिंह भारद्वाज का तर्क था कि यह पेड़ घना और हृदय को शांति पंहुचने वाली छांव देता है। सनातन परंपरा के अनुसार चूंकि यह देव वृक्ष है अतः शिक्षा परिसर में इसे लगाए जाने से इस परिसर के अलावा आसपास का भी वातावरण शांत और शुद्ध रहता है। पुराने जमाने गुरुकुलों में इस प्रकार के ही पौधे और वृक्ष लगाए जाते रहे हैं।