नपा अध्यक्ष चखाना चाहती थी सीएमओ को मजा, मिल गई शहरवासियों को सजा

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  • बैठक में अध्यक्ष ने कहा- सीएमओ को सबक सिखाने के लिए रोका था चेक

अमरेश झा

कोंडागांव नगर पालिका कोंडागांव में बीती शाम पीआईसी की बैठक हुई। पीआईसी की बैठक में नगर पालिका अध्यक्ष द्वारा पालिका के चेक पर हस्ताक्षर नहीं किए जाने का मामला छाया रहा। इस मामले पर नगर पालिका अध्यक्ष वर्षा यादव ने कहा कि, सीएमओ द्वारा अन्य मदों, प्लेसमेंट कर्मचारियों के मानदेय, जनप्रतिनिधियों के मानदेय इत्यादि का चेक रोका गया था। जिसके चलते उन्हें (सीएमओ) सबक सिखाने के लिए पार्षदों की सलाह और सहमति से चेक पर हस्ताक्षर नहीं किए थे। इधर डीजल के कारण हो रही परेशानी को देखते हुए पालिका के प्रावधान अनुसार नगर पालिका उपाध्यक्ष जसकेतु उसेंडी ने चेक पर हस्ताक्षर कर दिया। उपाध्यक्ष के हस्ताक्षर के बाद नगर में पेयजल और सफाई की समस्या का कुछ हद तक समाधान हो पाया।

 

नगर पालिका क्षेत्र कोंडागांव अंतर्गत 13 जून को पेयजल और सफाई की समस्या सामने आई थी। सफाई और पेयजल आपूर्ति के लिए आवश्यक डीजल वाहनों में नहीं था, क्योंकि अध्यक्ष द्वारा चेक पर हस्ताक्षर नहीं किए गए थे। इसी बीच 13 जून की शाम नगर पालिका परिषद कार्यालय में पीआईसी की बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक के बारे में नगर पालिका की अध्यक्ष वर्षा यादव ने जानकारी देते हुए बताया कि इन दिनों नगर में गर्मी को देखते हुए पेयजल की काफी अधिक समस्या है। हमारे शहर में पानी की समस्या बहुत अधिक है। गर्मी समाप्ति की ओर है, फिर भी पानी की समस्या काफी विकराल हो चुकी है। वार्डों में टैंकर से पानी की सप्लाई की जा रही है। इन सब समस्याओं और आचार संहिता के चलते नए सीएमओ राजेंद्र पात्रे से मुलाकात नहीं हो पाई थी। आचार संहिता के दौरान मुलाकात हुई उसमें हमारी समस्याओं का समाधान नहीं हो पाया। हमारे कर्मचारी हैं, उनका भी वेतन नहीं मिल पाया था, और इसी तरह की समस्याओं को देखते हुए और नगर के वार्ड पार्षदों द्वारा भी समस्याओं को लेकर बताया जाता था, उन समस्याओं का समाधान नहीं हो रहा था। इन्हीं सब परिस्थितियों को देखते हुए सीएमओ को सबक सिखाने के लिए चेक रोके गए थे।

नपा के खजाने में 2.61 करोड़

नगर पालिका अध्यक्ष वर्षा यादव ने आगे बताया कि, हमारी नगर पालिका के पास शासन मद के 2 करोड़ 61 लाख रुपए हैं, जिससे नगर के विकास, पेयजल, पाइप लाइन इत्यादि की व्यवस्था की जाएगी। ताकि शहर में पेयजल की व्यवस्था की जा सके।