महारानी जिला अस्पताल में आयुष्मान भारत प्रोत्साहन राशि घोटाले को लेकर कर्मचारी संघ ने भी खोला मोर्चा

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  • नोडल अधिकारी डॉ. शर्मा को तुरंत हटाएं : परिहार
  • स्वा. कर्म. संघ ने आयुक्त और कलेक्टर से की मांग

अर्जुन झा-

जगदलपुर: महारानी जिला चिकित्सालय जगदलपुर में महारानी अस्पताल में आयुष्मान भारत योजना की प्रोत्साहन राशि के लाखों रुपयों के घोटाले को लेकर अब छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य कर्मचारी संघ ने भी मोर्चा खोल दिया है। संघ के उप प्रांताध्यक्ष एवं बस्तर जिला अध्यक्ष अजय प्रताप सिंह ने बस्तर संभाग के कमिश्नर और बस्तर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर योजना के नोडल अधिकारी डॉ. भंवर लाल शर्मा को तुरंत पद से हटाकर मामले की उच्च स्तरीय जांच कराने और प्रोत्साहन राशि योजना से सभी कर्मियों को बराबर बराबर दिलाने की मांग की है।

उल्लेखनीय है कि महारानी जिला चिकित्सालय जगदलपुर में आयुष्मान भारत योजना की प्रोत्साहन राशि में बड़े घोटाले को इस संवाददाता ने उजागर किया था। योजना के नोडल अधिकारी डॉ. भंवर लाल शर्मा ने प्रोत्साहन राशि अपने चहेतों के नाम दर्शाकर आहरित कर ली है और वास्तविक हकदार कर्मचारियों को प्रोत्साहन राशि दी ही नहीं है। मामले की शिकायत पीड़ितों ने बस्तर संभाग के आयुक्त और कलेक्टर से की है। शिकायत के मुताबिक महारानी अस्पताल में आयुष्मान भारत योजना के नोडल अधिकारी डॉ. भंवरलाल शर्मा ने प्रोत्साहन राशि का वितरण नियम विरुद्ध कर दिया है। उनके द्वारा अपने चहेतों को डाटा एंट्री कार्य दिया जा रहा है और जिन्हें प्रोत्साहन राशि मिलनी चाहिए, उन्हें नहीं देकर कुछ ही लोगों के बीच अधिक राशि का वितरण किया जा रहा है। शिकायत के साथ प्रोत्साहन राशि वितरण की सूची भी बस्तर के दोनों उच्च अधिकारियों को उपलब्ध कराई गई है सूची में बताया गया है कि डॉ. भंवर लाल शर्मा ने अपने नाम पर 56 लाख 50 हजार 884 रुपए, कॉउंसलर अनुश्री पाल के नाम पर 1 लाख 72 हजार 319 रुपए, डाटा एंट्री ऑपरेटर संजीव झा के नाम पर 1 लाख 69 हजार 606 रुपए, डाटा एंट्री ऑपरेटर संतोषी दोहरे के नाम पर 1 लाख 48 हजार 604 रुपए, फार्मासिस्ट अंकुश मेश्राम के नाम पर 2 लाख 67 हजार 954 रुपए, फार्मासिस्ट विपुल सागर जग्गी के नाम पर 2 लाख 72 हजार 189 रुपए, फार्मासिस्ट शुभम त्रिपाठी के नाम पर 2 लाख 80 हजार 600 रुपए, डाटा एंट्री ऑपरेटर चामसिंह बघेल के नाम पर 1 लाख 54 हजार 205 रुपए और लैब मैनेजर विनोद पाणिग्रही के नाम पर 1 लाख 99 हजार 975रुपए 54 पैसे का वितरण दर्शाकर पूरी राशि आहरित कर ली है। इस तरह आयुष्मान भारत योजना की प्रोत्साहन राशि में डॉ. भंवर लाल शर्मा द्वारा लाखों रुपए की धांधली की गई है। शिकायत कर्ताओं ने महारानी जिला चिकित्सालय के सिविल सर्जन सह अस्पताल अधीक्षक डॉ. संजय प्रसाद पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं। शिकायत के मुताबिक डॉ. संजय प्रसाद की भांजी अनुश्री पॉल जिला चिकित्सालय में कॉउंसलर हैं, मगर उन्हें नियम विरुद्ध तरीके से आयुष्मान भारत योजना की डाटा एंट्री के कार्य में लगवा कर डॉ. प्रसाद ने दोहरा लाभ दिलवाया है। अनुश्री पॉल को डाटा एंट्री कार्य के एवज में 1 लाख 72 हजार 319 रुपए की आयुष्मान भारत योजना मद से प्रोत्साहन राशि दिलाई गई है। इसके अलावा अनुश्री पॉल को कॉउंसलर के तौर पर तन्खावाह तो मिलती ही है, हेपेटाईटिस डाटा एंट्री ऑपरेटर के तौर पर भी हर माह दो हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि मिल रही है। बताया गया है कि अनुश्री पाल ने हेपेटाईटिस डाटा एंट्री का कार्य बंद कर दिया है, फिर भी उन्हें प्रति माह इस कार्य के एवज में दो हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि दी जा रही है। इस तरह सिविल सर्जन डॉ. संजय प्रसाद ने अपने पद का दुरूपयोग करते हुए अपनी रिश्तेदार को अनुचित आर्थिक लाभ दिलाया है।

परिहार आए एक्शन मोड में

छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के उप प्रांताध्यक्ष एवं बस्तर जिला अध्यक्ष अजय प्रताप सिंह परिहार भी इस घोटाले को लेकर अब एक्शन मोड में आ गए हैं। श्री परिहार से आयुष्मान भारत योजना से जुड़े पीड़ित कर्मचारियों ने प्रोत्साहन राशि घोटाले की शिकायत कर उनसे संघ के माध्यम से हस्तक्षेप की अपील की थी। इसके बाद अजय प्रताप सिंह परिहार ने बस्तर के संभाग आयुक्त श्याम धावड़े, बस्तर कलेक्टर विजय दयाराम के. और स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त संचालक को ज्ञापन सौंपा है। ज्ञापन में श्री परिहार ने आयुष्मान भारत योजना प्रोत्साहन राशि घोटाला को संगीन मामला बताते हुए डॉ. भंवर लाल शर्मा को तत्काल योजना के नोडल अधिकारी पद से मुक्त कर मामले की उच्च स्तरीय जांच कराने और प्रोत्साहन राशि योजना से जुड़े सभी अधिकारी कर्मचारियों को समान रूप से आवंटित कराने की मांग की है। अजय प्रताप सिंह परिहार ने कहा है कि मामले को तत्काल गंभीरता से लिया जाना जरूरी है, ताकि डॉ. भंवर लाल शर्मा लीपापोती न करने पाएं।