मोखागांव मामले में कोटवार, पटवारी सहित तहसीलदार की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान, की अनुमति बगैर कैसे होता रहा बाली बाजार, एक माह तक धड़ल्ले से चल रहा था आयोजन

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जगदलपुर।बस्तर जिले के बकावंड ब्लाक मोकागांव बाली बाजार प्रकरण में बहुत बड़ी लापरवाही सामने आई है जिसमें कोटवार, पटवारी व तहसीलदार संदेह के घेरे में हैं। मोकागांव में बिना एसडीएम के अनुमति के एक महीने तक बाली बाजार चलता रहा और राजस्व का पूरा अमला सोता रहा। ग्रामीणों ने कहा कि पंचायत, पुलिस व राजस्व विभाग का सूत्रधार कोतवाल होता है उसकी बाली बाजार प्रकरण में क्या भुमिका थी, उसकी जांच होनी चाहिए। संबंधित हल्का पटवारी ने प्रशासन को क्या रिपोर्ट दिया उसकी भी जांच हो? तहसीलदार क्षेत्र में लोगों के चालानी कार्रवाई में व्यवस्त थे कितने दिन मोका गांव का दौरा किया उसकी भी पड़ताल किया जाये। किसी भी गांव में प्रमुख भूमिका सरपंच पर क्या कार्रवाई हुई जबकि सरपंच पति पर प्रकरण दर्ज किया गया। कुल मिलाकर मोका गांव प्रकरण में प्रशासनिक अधिकारी की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में हैं?

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