रुक्मणि तो सज्जन है, फिर दुर्जन कौन ? अब होगी इसकी जांच

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  • जिला दंडाधिकारी ने परियोजना अधिकारी के कृत्य को माना अवमानना
  •  एसडीएम तोकापाल को मामले की जांच के आदेश 
    -अर्जुन झा-
    जगदलपुर बस्तर जिले के बास्तानार विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत बिरगाली के आश्रित ग्राम पुसेम की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता रुक्मणि तो सज्जन साबित हो गई हैं। फिर उनकी बर्खास्तगी की व्यूहरचना करने वाला दुर्जन कौन है? अब इसकी जांच होगी। पुसेम गांव की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता रुक्मणि सज्जन को तथाकथित शिकायत के आधार पर बर्खास्त कर दिया गया था। रुक्मणि सज्जन पर आरोप लगाया गया था कि वे आंगनबाड़ी केंद्र को अक्सर बंद रखती हैं और बच्चों का ध्यान नहीं रखतीं। शिकायत पत्र में जिन ग्रामीणों के नाम और उनके तथाकथित हस्ताक्षर थे, उन ग्रामीणों ने शपथ पत्र देकर झूठी शिकायत की पोल खोल दी थी। इन ग्रामीणों का कहना है कि रुक्मणि तो निहायत ही सज्जन है, उन्होंने अपने कार्य में कभी लापरवाही बरती ही नहीं है। वहीं इन ग्रामीणों ने शिकायत पत्र में अपने नाम और हस्ताक्षरों को पूरी तरह फर्जी करार देते हुए रुक्मणि सज्जन के खिलाफ कभी भी किसी अधिकारी के पास अपने द्वारा शिकायत न की जाने की जानकारी दी है। यह शपथ पत्र कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी के न्यायालय को भी सौंपा गया है।

 

मतलब रुक्मणि सज्जन को हटाने और नौकरी से बेदखल करने के लिए फर्जी शिकायत पत्र पेश किया गया था। एक इसी शिकायत पत्र के आधार पर रुक्मणि सज्जन को आनन फानन में बर्खास्त कर दिया गया। अपनी बर्खास्तगी के खिलाफ रुक्मणि सज्जन ने कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी के समक्ष अभ्यावेदन प्रस्तुत कर बर्खास्तगी को गलत ठहराते हुए सेवा में फिर से बहाली की गुजारिश की थी। इधर यह मामला कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी के न्यायालय में विचाराधीन रहते हुए भी एकीकृत महिला एवं बाल विकास विभाग बास्तनार की परियोजना अधिकारी ने आश्चर्यजनक ढंग से बड़ी तत्परता दिखाते हुए पुसेम के आंगनबाड़ी केंद्र में रुक्मणि सज्जन की जगह एक अन्य महिला मंझली ताती को आंगनबाड़ी कार्यकर्ता नियुक्त कर दिया। यही कदम अब परियोजना अधिकारी को भारी पड़ गया है। जिला दंडाधिकारी ने इसे अवमानना करार देते हुए अब सीधे पूरे मामले की मौके पर जाकर जांच करने के निर्देश तोकापाल के एसडीएम को दिए हैं। एसडीएम से जांच रिपोर्ट 15 दिनों में प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है।

निकाली थी खुन्नस?
कहा जाता है कि विभाग की परियोजना अधिकारी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता रुक्मणि सज्जन से व्यक्तिगत द्वेष पाले बैठी हैं। दरअसल आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ की संभागीय अध्यक्ष होने के नाते रुक्मणि सज्जन कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के जायज हक में तथा विभाग की बास्तानार में पदस्थ परियोजना अधिकारी की मनमानी के खिलाफ मुखर होकर आवाज उठाती रही हैं। इसलिए परियोजना अधिकारी की नजरों में रुक्मणि सज्जन हमेशा खटकती थी। इसीलिए उन्होंने रुक्मणि सज्जन के खिलाफ झूठे शिकायत पत्र तैयार कर रुक्मणि को अधिकारियों की मदद से बर्खास्त करवा दिया था। जबकि शिकायत पत्रों में जिन ग्रामीणों के नाम दर्शाए गए थे और उनके फर्जी हस्ताक्षर किए गए थे उन ग्रामीणों ने शपथ पत्र देकर शिकायती आवेदनों को फर्जी ठहराया है। वहीं अब यह जानकारी भी मिल रही है कि रुक्मणि सज्जन की सेवा में बहाली को परियोजना अधिकारी बर्दास्त नहीं कर पा रही हैं और फिर से उन्होंने साजिश वाला खेल शुरू कर दिया है। इस तरह परियोजना अधिकारी अब सीधे कलेक्टर को चैलेंज करने पर आमादा हो गई हैं।