जो कराती रही सभी का सफल प्रसव, वह अपने प्रसव में गवां बैठी जान

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  • पहली डिलवरी में सिस्टर नोमेश्वरी की हुई मृत्यु

अर्जुन झा-

तोकापाल एक नर्स अपने सेवाकाल के शुरूआती दौर से ही अपने कार्य क्षेत्र की गर्भवती महिएलाओं का सुरक्षित और सफल प्रसव कराती आ रही थी, उसी का सुरक्षित प्रसव नहीं हो सका और प्रसव के घंटे भर बाद ही ज्यादा रक्त स्त्राव होने से उसकी जान चली गई। क्षेत्र में नर्स दीदी के नाम से विख्यात रही नर्स नोमेश्वरी धुर्वे को अपने प्रसव के दौरान जान गंवानी पड़ गई। नोमेश्वरी बालोद जिले की निवासी थी।

बस्तर जिले के बास्तानार ब्लॉक के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मुतनपाल में पदस्थ एएनएम नोमेश्वरी धुर्वे की प्रसव के दौरान मृत्यु हो गई।यह उनका पहला प्रसव था। बच्चे को जन्म देने के बाद अधिक खून बहने के कारण लगभग एक घंटे बाद गुरुवार रात 12 बजे नोमेश्वरी ने दम तोड़ दिया। हालांकि उनका बच्चा स्वस्थ और सुरक्षित है।नोमेश्वरी धुर्वे मुतनपाल से 29 जून को बालोद अपने निवास गई थी। 7 जुलाई उनकी डिलवरी की सम्भावित तिथि डॉक्टर द्वारा बताया गई थी।मुतनपाल प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के डॉ. पीके दास ने बताया कि सिस्टर नोमेश्वरी धुर्वे इस हेल्थ सेंटर की बहुत अच्छी नर्स थीं। वे यहां 15 नवम्बर 2016 से पदस्थ थीं। अभी तक यहां के लोगों अच्छी सेवा देती आई थीं। डॉ. दास के मुताबिक नर्स नोमेश्वरी धुर्वे सुरक्षित प्रसव कराने में माहिर थीं। वे खुद बहुत ही अच्छा प्रसव करवाती थीं। उनका व्यवहार मरीजों, उनके परिजनों और स्टॉफ के प्रति बहुत ही बढ़िया था। इस क्षेत्र के सभी लोग उन्हें अच्छे से जानते थे और उनका बड़ा सम्मान करते थे।