जिला पंचायत सीईओ के आदेश की बकावंड जनपद में सरेआम अवहेलना

0
77
  •  बकावंड में अभी भी लागू है चुनाव आचार संहिता ?
  • दबा दी गई पंचायत सचिवों के तबादले की फाइल

अर्जुन झा-

बकावंड विधानसभा और लोकसभा चुनाव निपटे कई माह गुजर चुके हैं। आचार संहिता कब की हट चुकी है और सांसद एवं विधायक सक्रिय होकर काम करने लगे हैं। मगर लगता है बकावंड जनपद पंचायत के अधिकारियों के लिए आज भी आचार संहिता लागू है। यह भी हो सकता है कि जनपद के अधिकारी आचार संहिता की खुमारी से उबर नहीं पाए हैं या ऊपरी कमाई के चक्कर में स्थानांतरित सचिवों को नई जगह नहीं भेज रहे हैं।

दरअसल पिछले विधान सभा चुनाव के दौरान बकावंड जनपद की ग्राम पंचायतों में कार्यरत करीब 17 सचिवों का तबादला जिला पंचायत के सीईओ द्वारा किया गया था। तबादले की सूची जारी भी कर दी गई थी। संयोगवश इसी बीच चुनाव आचार संहिता लागू हो गई और तबादले की फाइल जनपद पंचायत कार्यालय में ही दबी रह गई। चुनाव निपटने और आदर्श आचार संहिता हट जाने के बाद भी तबादले की यह फाइल न जाने जनपद पंचायत कार्यालय के किस कोने में खो गई है? आचार संहिता हटे कई माह गुजर जाने के बाद भी जनपद पंचायत के सीईओ स्थानांतरित पंचायत सचिवों को नई पदस्थापना वाली ग्राम पंचायतों में भेजने के लिए क्यों दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं, यह आश्चर्य और चर्चा का विषय बना हुआ है। लोग कह रहे हैं कि स्थानंतरित पंचायत सचिवों को उनकी पसंद वाली ग्राम पंचायतों में पोस्टिंग देने, कुछ सचिवों का तबादला रद्द करने के लिए डिमांड का खेल चल रहा है। इसी वजह से तबादले की फाइल को अब तक दबाकर रखा गया है। ट्रांसफर को लेकर अब आवाज भी उठने लगी है। क्योंकि सचिवों के ट्रांसफर आदेश पर अब तक जनपद सीईओ द्वारा अमल नहीं किया गया है। बल्कि किसी दवाब में अभी भी यथावत रखा गया है। कुछ लोगों के अनुसार जिला पंचायत सीईओ द्वारा स्थांतरित इन 17 सचिवों को अब तक रोके रखा रखना उच्च अधिकारी के आदेश की सरासर अवहेलना है। कुल मिलाकर जनपद पंचायत बकावंड के मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी के आदेश को नजर अंदाज किया जा रहा है। इसकी जड़ में सिर्फ लेनदेन की ही बात सामने आ रही है।