कब जागेगा प्रबंधन?
इधर यह बताना भी जरूरी है कि एनएमडीसी नगरनार प्रबंधन शुरू से ही अपने कर्मचारियों और संयंत्र प्रभावित गांवों के ग्रामीणों के स्वास्थ्य और जीवन से खिलवाड़ करता आ रहा है। संयंत्र में दुर्घटना हो जाने पर हताहत कर्मचारियों के उपचार की कोई व्यवस्था एनएमडीसी प्रबंधन ने नहीं की है, जबकि भारतीय इस्पात प्राधिकरण (सेल) अपने कर्मचारियों और अधिकारियों को हर प्लांट में बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध करा रहा है। भिलाई का सेक्टर -9 हॉस्पिटल पूरे छत्तीसगढ़ के लोगों की सेवा करता आ रहा है। एनएमडीसी प्रबंधन ने नगरनार में स्टील प्लांट स्थापना के दौरान मल्टी सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल और स्कूल खोलने की बात कही थी। स्टील प्लांट में अक्सर हादसे होते रहते हैं और घायलों को उपचार के लिए जगदलपुर मेडिकल कॉलेज या महारानी हॉस्पिटल भेजना पड़ता है। बीते दिनों नगरनार प्लांट में विस्फोट हुआ था, जिसमें चार कर्मचारी झुलस गए थे, उन्हें भी इलाज के लिए जगदलपुर भेजा गया था। बिहार का यह कर्मचारी भी हादसे का शिकार हुआ था। अगर नगरनार में ही उसे तुरंत इलाज की सुविधा मिलती तो शायद उसकी जान बच जाती। प्रबंधन की लापरवाही से ऐसे हादसे होते रहते हैं, लेकिन क्षेत्र में बीजेपी महिला मोर्चा की जागरूक अध्यक्ष गीता मिश्रा की सक्रियता के कारण हमेशा ऐसे पीड़ितों को मदद मिल जाती है।