नक्सलियों के बिछाए आईईडी में पैर गंवाने वालों का सहारा बन गए उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा

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  •  दिव्यांग हो चुके नक्सल पीड़ितों को लगे कृत्रिम पैर
  • आभार जताने चलकर पहुंचे मंत्री शर्मा के पास

-अर्जुन झा-

जगदलपुर बस्तर की धरती पर कदम दर कदम नक्सलियों द्वारा बिछाए गए आईईडी को उखाड़ फेंकने और नक्सलियों के पूरी तरह खात्मे के संकल्प के साथ काम कर रहे छत्तीसगढ़ के उप मुख्यमंत्री एवं गृहमंत्री विजय शर्मा की संवेदनशीलता की दिल को छू लेने वाली एक और खबर सामने आई है। यह खबर इस बात की तस्दीक करती है कि मंत्री विजय शर्मा बस्तर के विकास में रोड़ा और आम बस्तरिहा ग्रामीणों की जान के दुश्मन बन चुके नक्सलियों के प्रति जितना कठोर रुख अपना रहे हैं, उससे कई गुना ज्यादा नरम दिल बस्तर के लोगों के प्रति रखते हैं। यह दिल को छू लेने वाली तस्वीर आज रायपुर स्थित विजय शर्मा के बंगले में देखने को मिली। यह भी पता चला कि बस्तर के पीड़ित शोषित ग्रामीण गृहमंत्री विजय शर्मा से किस कदर प्यार करते हैं।

दरअसल कहानी कुछ इस तरह है कि वनोपज संग्रहण या खेती बाड़ी कार्य के लिए जंगलों के रास्ते से गुजरते समय नक्सलियों द्वारा लगाए गए आईईडी बमों के ब्लास्ट की घटनाओं में अपने पैर गंवाने के बाद अपाहिज बनकर दर्द भरी जिंदगी जी रहे बस्तर के ग्रामीणों को मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देश व उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा की पहल पर कृत्रिम पैर का संबल मिल रहा है। पहले चरण में नक्सल हिंसा प्रभावित ऐसे 6 लोगों को फिजिकल रेफरल रिहेबिलिटेशन सेंटर समाज कल्याण परिसर माना कैंप रायपुर में कृत्रिम पैर लगाकर चलने की ट्रेनिंग दी गई। आईईडी ब्लास्ट में पैर खोने के बाद से चलने फिरने के लिए दूसरों पर निर्भर हो गए ये लोग अब कृत्रिम पैर पाकर इतने उत्साहित हैं कि खुद अपने इन कृत्रिम पैरों से चलकर आज उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा के निवास पर खुशी व्यक्त करते हुए उनका आभार जताने पहुंचे थे। उल्लेखनीय है कि बस्तर संभाग के लगभग 70 नक्सल पीड़ितों ने बस्तर शांति समिति की पहल पर विगत सितंबर माह में दिल्ली जाकर जंतर मंतर में प्रदर्शन करने के साथ ही केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह तथा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात कर उन्हें आप बीती बताते हुए बस्तर में शांति बहाली की गुहार लगाई थी। दिल्ली से लौटकर वे आए तो उप मुख्यमंत्री व गृह मंत्री विजय शर्मा ने अपने निवास कार्यालय में एक- एक पीड़ितों से बात कर उनका हालचाल जाना उनका हौसला बढ़ाया था। आईईडी ब्लास्ट में पैर गंवा चुके पीड़ितों के कृत्रिम पैर लगवाने के निर्देश दिए थे।

 

उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा के निर्देशानुसार आईईडी ब्लास्ट में अपने अंग खोने वाले ग्रामीणों का समाज कल्याण विभाग के सहयोग से कृत्रिम अंग लगाने की शुरुआत हो गई है। कृत्रिम पैर लगाने के लिए बस्तर से 9 नक्सल पीड़ितों का जाना तय हुआ था, किंतु व्यक्तिगत कारणों से 3 पीड़ित नहीं पहुंच पाए। इस प्रकार 6 नक्सल पीड़ित गुड्डू लेकाम बीजापुर, अवलम मारा बीजापुर, सुक्की मड़कम सुकमा, सोमली खत्री बीजापुर, खैरकम जोगा बीजापुर, राजाराम बीजापुर को फिजिकल रेफरल रिहेबिलिटेशन सेंटर समाज कल्याण परिसर माना कैंप रायपुर में कृत्रिम पैर लगाए गए। कृत्रिम पैर लगने के बाद इनकी जिंदगी एक नई करवट ले रही है। उप मुख्यमंत्री शर्मा के निवास पहुंचे इन नक्सल पीड़ितों ने अपनी भावनाएं व्यक्त करते हुए कहा कि अब वे अच्छा महसूस कर रहे हैं। कदम- कदम पर किसी और के सहारे की जरूरत नहीं पड़ेगी। जिंदगी में अब आगे बढ़ने और कुछ हासिल करने की सोच सकते हैं। हालांकि नक्सलियों ने जो छीना है उसकी भरपाई नहीं हो सकती। लेकिन छत्तीसगढ़ सरकार की संवेदनशीलता से उन्हें कृत्रिम पैर सुलभ होने के साथ जीवन में नया उत्साह आया है। इसके लिए छत्तीसगढ़ सरकार का आभार व्यक्त किया।