बालोद – पाटेश्वर धाम को लेकर वन अधिकारी द्वारा नोटिस भेजने को लेकर जिले के साथ साथ प्रदेश में विरोध हो रहा था | ग्राम बड़ेजुंगेरा में स्थित जामड़ी पाटेश्वर धाम जहां देश प्रदेश के लाखों लोगो के आस्था का केंद्र बना हुआ है और लोगों की आस्था के साथ खिलवाड़ करना अनुचित है और उसका परिणाम वनमण्डल अधिकारी सतोविशा समाजदार का ट्रान्सफर धमतरी जिले में कर दिया गया | वनमण्डल अधिकारी सतोविशा समाजदार को तेज व सक्रिय वन अधिकारी के रूप में पहचान मिला था लेकिन उनके एक फैसले ने उनके स्थानान्तरण की वजह बन गया | प्रदेश सरकार द्वारा जारी स्थानान्तरण की सूचि में 35 अधिकारियों का नाम शामिल है जिसमे सतोविशा समाजदार का भी नाम शामिल है |
बालोद जिला वनमण्डलाधिकारी सतोविशा समाजदार ने मंदिर प्रबंधन को नोटिस जारी कर कार्यवाही करने की बात कही थी | जिससे शासन प्रशासन में खलबली मच गई थी और प्रदेश में माहौल गर्म हो गया था | वन अधिकारी के इस कार्यवाही को लेकर हिन्दू संगठनों ने तीखी प्रतिक्रिया दी व इस पर रोक लगाने की मांग की व कार्यवाही को हिन्दू धर्म के प्रति विद्वेष फैलाने वाला बताया |
संत रामबालकदास द्वारा भी इस मामले को प्रदेश के नेताओ के सामने उठाया और यहाँ तक कि वे प्रदेश की राज्यपाल अनुसुइया उइके के सामने भी रखा कि वन अधिकारी के द्वारा नोटिस व कार्यवाही करने को लेकर परेशान करने की बात भी कही थी |
डौण्डी लोहारा के लगभग 20 ग्राम के ग्रामीण व पंचायत प्रतिनिधियों ने भी वन विभाग की कार्यवाही का विरोध किया था |