सुकमा में नक्सली दम्पति ने किया आत्मसमर्पण

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  • शीर्ष संगठन में सालों से सक्रिय थे ये नक्सली 

जगदलपुर छत्तीसगढ़ शासन की छत्तीसगढ़ नक्सलवाद उन्मूलन एवं पुनर्वास नीति’ और नियद नेल्ला नार योजना से प्रभावित होकर तथा अंदरूनी क्षेत्रों में लगातार नवीन सुरक्षा कैम्प स्थापित कर पुलिस के बढ़ते प्रभाव से वशीभूत होकर एक नक्सली दंपत्ति ने आज पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। उन्हें आत्मससमर्पण हेतु प्रोत्साहित कराने में 223 वाहिनी सीआरपीएफ आसूचना शाखा का रहा विशेष प्रयास। सुकमा में वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशन में छत्तीसगढ़ शासन की ‘छत्तीसगढ़ नक्सलवाद उन्मूलन एवं पुनर्वास नीति एवं सुकमा पुलिस द्वारा चलाये जा रहे नियद नेल्ला नार योजना से प्रभावित होकर तथा अति संवेदनशील अंदरूनी क्षेत्रों में लगातार कैंप स्थापित होने से पुलिस के बढ़ते प्रभाव व नक्सलियों के अमानवीय, आधारहीन विचारधारा एवं उनके शोषण, अत्याचार तथा बाहरी नक्सलियों द्वारा भेदभाव करने तथा स्थानीय आदिवासियों पर होने वाले हिंसा से तंग आकर नक्सली संगठन में सक्रिय नक्सली नंदा उर्फ बुधरा मुचाकी पिता स्व. भीमा पेद्दाबोडकेल आरपीसी डीएकेएमएस सदस्य उम्र लगभग 45 वर्ष जाति मुरिया निवासी तिम्मापुरम गोलापारा थाना चिंतलनार सुकमा और मुचाकी कमली पति मुचाकी नंदा पेद्दाबोडकेल आरपीसी केएएमएस अध्यक्ष उम्र लगभग 41 वर्ष जाति मुरिया निवासी तिम्मापुरम गोलापारा थाना चिंतलनार जिला सुकमा द्वारा नक्सल संगठन को छोड़कर समाज की मुख्यधारा में जुड़ने के उद्देश्य से आज 15 अक्टूबर को नक्सल ऑपरेशन कार्यालय सुकमा में मनीष रात्रे उप पुलिस अधीक्षक नक्सल ऑप्स सुकमा एवं निरीक्षक सुजीत कुमार, 223 वाहिनी सीआरपीएफ के समक्ष बिना हथियार के आत्मसमर्पण किया। इस नक्सली दम्पति को आत्मसमर्पण हेतु प्रोत्साहित कराने में 223वीं वाहिनी सीआरपीएफ आसूचना शाखा के कर्मियों का विशेष प्रयास रहा है। यह दम्पति नक्सली प्रतिबंधित नक्सल संगठन में जुड़कर विभिन्न नक्सली गतिविधियों जैसे पुलिस गश्त पार्टी की रेकी करना, मुख्य मार्गों को खोदकर मार्ग अवरूद्ध करना, शासन-प्रशासन के विरूद्ध नक्सली बेनर, पोस्टर, पर्चा-पाम्पलेट लगाने एवं अन्य घटनाओं में शामिल रहें हैं। आत्मसमर्पित नक्सली दम्पति को छत्तीसगढ़ नक्सलवाद उन्मूलन एवं पुनर्वास नीति के तहत्सहायता राशि व अन्य सुविधाएं प्रदान कराई जाएंगी।