मधुमक्खियों के हमले में घायल शिक्षकों के साथ बीईओ का अमानवीय बर्ताव

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  • बस्तनार के खंड शिक्षा अधिकारी के तुगलकी फरमान से नाराजगी 
  • जख्मी शिक्षकों की खेल संपन्न कराने लगाई ड्यूटी 

अर्जुन झा-

जगदलपुर लगता है बस्तानार के विकासखंड शिक्षा अधिकारी की संवेदना मर चुकी है, उनमें मानवता नाम की कोई चीज नहीं रह गई है। तभी तो उन्होंने बुरी तरह घायल शिक्षकों की ड्यूटी खेल प्रतियोगिता संपन्न कराने के लिए लगा दी है।

अपने मातहतों की जान से बस्तानार के बीईओ को कोई मतलब नहीं है। उन पर अफसर शाही हावी हो गई है। बीईओ ने मधुमक्खियों के हमले में घायल की सुध लेना मुनासिब नहीं समझा, उल्टे उन घायल शिक्षकों की खेल आयोजन पूर्ण कराने मजबूर कर दिया है। बस्तर ओलंपिक 2024 के तहत ब्लॉक स्तरीय विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन कल किलेपाल सेजस के खेल प्रांगण में किया गया था। इसके उद्घाटन समारोह के दौरान वहां उपस्थित तमाम लोगों पर मधुमक्खियों के झुंडों ने हमला कर दिया था। पूरे खेल परिसर में अफरा तफरी मच गई थी। शिक्षक शिक्षिकाओं, संकुल शैक्षिक समन्वयकों, खिलाड़ियों को मधुमक्खियों को बुरी तरह घायल कर दिया। कई घायलों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। शिक्षक शिक्षिकाएं चलने फिरने की भी स्थिति में नहीं हैं। ब्लॉक स्तरीय खो खो, कबड्डी, वॉलीबॉल एवं अन्य खेल इवेंट 14 नवंबर तक पूरे कराने हैं। बीईओ ने उन्हीं तमाम संकुल शैक्षिक समन्वयकों और शिक्षक शिक्षिकाओं की आज से पुनः खेल आयोजन को हर हाल में निपटाने की अनिवार्य ड्यूटी लगा दी है, जो मधुमक्खियोंके हमले में घायल हुए हैं। बीईओ इसमें दीगर शिक्षक शिक्षिकाओं, प्रधान पाठकों और संकुल समन्वयकों की ड्यूटी लगा सकते थे, मगर साहब को तो अपना रुतबा दिखाना है, लिहाजा उन्होंने मानवीय संवेदना को ताक पर रख कर जख्मी लोगों को फिर से उसी मैदान पर झोंक दिया है। खंड शिक्षा अधिकारी के इस अमानवीय बर्ताव की शिक्षा जगत के साथ ही आम जन मानस के बीच भी कड़ी आलोचना हो रही है।

कहा जाता है कि शिक्षक शिक्षिकाओं और मातहत कर्मचारियों के साथ बस्तानार के खंड शिक्षा अधिकारी हमेशा ऐसा ही अमानवीय व्यवहार करते हैं। स्थानीय जनप्रतिनिधि भी इनसे नाराज चल रहे हैं।कर्मचारी वर्ग तो उन्हें बस्तानार हटवाने आंदोलन करने के लिए भी तैयार बैठे हैं। कुछ कर्मचारी कहते हैं कि आज तक ऐसा अधिकारी हमने नहीं देखा है। आएदिन वे ऐसा ही तुगलकी फरमान जारी करते रहते हैं। शिक्षक शिक्षिकाओं की जान जोखिम में डाल कर अधिकारियों से वाहवही लूटना ही इनका मकसद रहता है। कर्मचारियों के जीवन से इनको सरोकार नहीं है।

यह है बीईओ का आदेश

समस्त संकुल शैक्षिक समन्वयकों, प्रधान पाठकों और शिक्षक शिक्षिकाओं को जारी आदेश में बीईओ ने लिखा है – आज बस्तर ओलंपिक खेलों के उद्घाटन समारोह के दौरान मधुमक्खियों के हमले के कारण सेजेश किलेपाल के खेल प्रांगण में आयोजित होने वाले खेल जैसे खो खो वालीबाल एवं कबड्डी इत्यादि का आयोजन आज नहीं हो पाया है। जबकि यह खेल निर्धारित समय सीमा में ही पूर्ण किया जाना है। अस्तु समस्त संकुल शैक्षिक समन्वयक एवं शिक्षक, जिनकी बस्तर ओलंपिक में ड्यूटी लगी है, आपको निर्देशित किया जाता है कि आप कल दिनांक 7 नवंबर 2024 को प्रातः 8:30 पर अनिवार्य रूप से खेल प्रांगण में उपस्थित होना सुनिश्चित करें । अन्यथा की स्थिति में आपको अनुपस्थित मानकर आपके विरुद्ध अनुशासनिक कार्रवाई की जाएगी। समस्त प्राचार्य एवं प्रधान पाठकों से अनुरोध है कि जूनियर वर्ग में पंजीकृत विद्यार्थियों को खेल प्रांगण में उपस्थित कराना सुनिश्चित करें।