शौक को गुनाहों में हरगिज न बदलने दें

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  • यूथ हॉस्टल एसोसिएशन के एड्स जागरूकता कार्यक्रम में आह्वान 

जगदलपुर यूथ हॉस्टल एसोसिएशन ऑफ इंडिया और स्वास्थ्य विभाग बस्तर के संयुक्त तत्वाधान में आज वर्ल्ड एड्स डे के अवसर पर आयोजित रेस टू बीट एड्स मैराथन और एड्स जागरूकता अभियान में डॉक्टर्स और बुद्धिजीवियों ने बढ़ चढ़कर भाग लिया।

कार्यक्रम में बस्तर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. संजय बसाक, टीबी नोडल अधिकारी डॉ. मैत्री, डीपीएम डॉ.रीना लक्ष्मी लेंडिया एवं मेडिकल कॉलेज डिमरापाल से प्रोफेसर डॉ. केएल आजाद और डॉ. कमलेश इज़ारदार मेडिसिन विभाग ने गेस्ट स्पीकर के रूप में भाग लिया। डॉ. बसाक ने एड्स के परिवर्तित नाम पीएलएचए की भयावहता पर प्रकाश डालते हुए बस्तर को एड्स मुक्त करने के लिए संकल्प व्यक्त किया। डॉ. आजाद ने नेशनल चैंपियन के रूप में जीवन में किसी भी प्रकार का नशा न करने, डॉ. कमलेश और डॉ. आजाद

ने स्पोर्ट्स आइकन और यूथ आइकन के रूप में युवाओं को एड्स से बचाव के तरीकों पर मार्गदर्शन दिया। कहा कि इस साल का एड्स का थीम है “टेक द राइट्स पाथ: माय हेल्थ, माय राइट” यानि ‘सही मार्ग अपनाएं। डॉ. कमलेश ने कहा हम भी युवा हैं हमें भी अपना हुनर मालूम है निकल पड़ेंगे जिधर रास्ता बन जाएगा, लेकिन रास्ता ऐसा बनाना है कि हर बच्चे, जूनियर, सीनियर और युवा साथियों के लिए आसान, अनुकरणीय और मिसाल बने। जिस रास्ते पर चलकर देश का युवा हेल्थ के साथ वेल्थ के कॉन्सेप्ट को समझे और स्वस्थ तथा समृद्ध देश के निर्माण की नींव बन सके।

साथ ही युवाओं को मनमौजीपन और अय्याशी से दूर रहने की सलाह देते हुए कहा कि अपनी शौक को सीमाओं में बांधे रखिए वरना ये शौक गुनाहों में बदल जाते हैं। प्रोफेसर डॉ. आजाद ने कहा स्वस्थ्य चित्त और अनुशासित युवा ही भारत का भविष्य है। इसके लिए महत्वपूर्ण है संयमित जीवन। अगर आहार, विहार अच्छे होंगे तो विचार पुष्ट होंगे, व्यभिचार कम होंगे। तड़क भड़क की ज़िंदगी से ज्यादा बेहतर है सादा जीवन उच्च विचार। इन्हीं आदर्शों के साथ हम एड्स जो कि छत्तीसगढ़ के बस्तर को अपना गढ़ बनाया हुआ है इसको आसनी से उखाड़ फेंकेंगे। आमचो बस्तर, स्वस्थ बस्तर का नारा लगा पाएंगे। यूथ हॉस्टल एसोसिएशन ऑफ इंडिया की छत्तीसगढ़ इकाई के प्रेसीडेंट संदीप एवं कमांडर  मुरारका के कुशल मार्गदर्शन में यूथ हॉस्टल बस्तर यूनिट के प्रेसिडेंट अनिल लुंकड़ एवं सदस्य अनिल अग्रवाल, विधु शेखर झा, कोटेश्वर नायडू, मनीष मूलचंदानी, व्यास, ललित अग्रवाल, डॉ.खेमलाल आजाद और डॉ. कमलेश इज़ारदार आदि ने मैराथन में भी भाग लेकर एड्स जागरूकता कार्यक्रम को सफल बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।