कोर्ट से मिले स्टे का उल्लंघन कर किया जा रहा है मकान निर्माण, बनवासी मौर्य ने रखा पक्ष

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  • खुद को बेघरबार बताने वाले के पास हैं दो मकान
  • 20 लाख का मकान बनाने वाला गरीब नहीं हो सकता
  • नाजायज तरीके से लिया पीएम आवास का लाभ

बकावंड तहसील बकावंड के ग्राम बनियागांव में जारी मकान निर्माण विवाद में अब नया मोड़ आ गया है। वादी पक्ष के बनवासी मौर्य का कहना है कि प्रतिवादी द्वारा एसडीएम कोर्ट के स्थगन आदेश का उल्लंघन करते हुए मकान निर्माण कराया जा रहा है। प्रतिवादी के पास पहले से दो मकान हैं और वह बीस लाख रुपए खर्च कर नया मकान बनवा रहा है। जो व्यक्ति इतनी बड़ी रकम खर्च कर रहा हो, वह गरीब कैसे हो सकता है। प्रतिवादी ने खुद को गरीब और बेघरबार बताकर प्रधानमंत्री आवास योजना का नाजयाज ढंग से लाभ लिया है।

बनवासी मौर्य, पिता पूरन मौर्य ने कहा है कि न्यायालय तहसीलदार बकावंड में उक्त प्रकरण दर्ज हुआ। स्थल विवाद की स्थिति निर्मित न हो इसलिए न्यायालय तहसीलदार बकावंड द्वारा 21 मार्च 2022 को स्थगन आदेश पारित किया गया। इसके बाद भी अनावेदक कांदरा पिता मगंलू और उसके परिवार ने मकान निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिया। इसकी सूचना न्यायालय तहसीलदार बकावंड को लिखित में दी गई, लेकिन अनावेदक नहीं माने और लगातार मकान निर्माण कार्य जारी रखा गया। पुनः सूचना दी जाने पर 10 मई 2022 को कृष्णा पिता कांदरा के खिलाफ धारा 151 के तहत कार्रवाई कर न्यायालय में पेश किया गया। 5 दिन के पश्चात इनके द्वारा पुनः निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिया गया। जिसकी शिकायत कई बार न्यायालय तहसीलदार बकावंड में की गई। कार्रवाई में में विलंब होने के कारण अनावेदकों के होसले बुलंद होते गए व उनके द्वारा मकान के नींव से दीवार तक निर्माण कार्य जारी रखा गया। जिसकी शिकायत पुनः की गई। इस पर संज्ञान लेते हुये निर्माण कार्य को रोकने के लिये अनुविभागीय अधिकारी राजस्व बकावंड के द्वारा स्थगन आदेश 22 मई 2024 को जारी किया गया व निर्माण कार्य पर रोक लगा दी गई। फिर भी अनावेदकों द्वारा स्थगन आदेश की अहवेलना करते हुये निर्माण कार्य ढलाई लेवल तक करने की तैयारी में थे। इस पर आवेदक के द्वारा पुनः शिकायत की गई, तब न्यायालय तहसीलदार बकावंड ने 29 नवंबर को आदेश जारी कर एसडीएम न्यायालय के स्थगन आदेश के पश्चात हुए निर्माण कार्य को 2 दिसंबर को प्रशासन व पुलिस फोर्स की मौजूदगी में हटाया गया। अनावेदक न्यायालय के आदेश का उल्लघंन कर शांति भंग करने का प्रयास करते रहे हैं, इसलिए उनके खिलाफ धारा 188 के तहत कार्रवाई की जानी चाहिये। बनवासी मौर्य ने कहा है कि मेरी अनुपस्थिति पर मेरे बुजुर्ग माता पिता से विवाद कर निर्माण कार्य के विरोध करने पर जान से मारने की धमकी दी गई। समाचार और न्यूज चैनल के माध्यम से गलत और झूठा बयान देकर मेरे खिलाफ दुष्प्रचार कर मेरे मान-सम्मान को ठेस पहुंचाई गई है। तथा समाज व पूरे क्षेत्र में बदनाम करने की साजिश की गई है। अनावेदक यह प्रचारित कर रहे हैं कि उनके पास रहने को मकान नहीं है। इस संबंध में बनवासी मौर्य का कहना है, कि अनावेदकों के पास ग्राम बनियागांव में खसरा नं. 128 रास्ता मद में एक मकान जिसमें कांदरा पिता मंगलू, भगवती पति कांदरा, कृष्णों पिता कांदरा व उसकी पत्नी-बच्चे, पदमा पिता कांदरा, कमली पिता कांदरा व उनके बच्चे तथा खसरा नं. 370 घास मद भूमि पर कमलोचन पिता कांदरा व उसकी पत्नी-बच्चे रहते हैं। उनके द्वारा यह भी कहा गया है कि प्रधानमंत्री आवास बना रहे हैं। जबकि विवादित निर्माणधीन मकान की अनुमानित लागत लगभग 20 लाख रूपए के आसपास है। उनके द्वारा यह कहा जा रहा है, कि वे मजदूरी करते हैं। 20 लाख की संपति का मकान निर्माण, बेघर के परिवार में 2 घर भला ये किस प्रकार के बेघर हैं। शासन से झूठ बोलकर व गलत जानकारी देकर प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत कराकर बेघर होने का ढोंग कर रहे हैं। इस पकार गलत व भ्रामक जानकारी व मुझे बदनाम करने की साजिश करने प्रयास कर रहे हैं। मौर्य ने कहा है- मेरे पिता पूरन मौर्य के नाम पर ग्राम बनियागांव में खसरा नंबर 134/5 रकबा 5-1/2 हे. का आबादी पट्टा सरकार ने वर्ष 2001 में दिया था। जिसमें 130 वर्गफीट जमीन पर अवैध कब्जा कर मकान निर्माण अनावेदक द्वारा किया जा रहा है। जो न्याय विरूद्ध है। बनवासी मौर्य ने कहा है कि अनावेदकों द्वारा मेरे विरूद्ध जितने भी बयान मीडिया में जारी किए गए हैं, उन आरोपों का जवाब उनको देना होगा। मेरे मान सम्मान को ठेस पहुंचाया है। इसके लिये मैं न्यायालय की शरण में जाऊंगा। अनावेदक झगड़ालू प्रवृति के हैं। कई बार झगड़ा कर चुके हैं। विवादित भूमि पर मेरे माता-पिता निवासरत हैं। वें वृद्ध हैं, उनके साथ अनहोनी घटना न हो इसलिए मैं उनके सुरक्षा हेतु प्रशासन से निवेदन करता हूं।