बस्तर लोकसभा क्षेत्र में थम गया चुनावी शोर, अब घर – घर दस्तक देने पर जोर

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  •  कांग्रेस ने सुकमा, दंतेवाड़ा बीजापुर में झोंकी ताकत
  • भाजपा ने बस्तर, चित्रकोट, जगदलपुर और कोंडागांव पर किया फोकस
    -अर्जुन झा-
    जगदलपुर बस्तर लोकसभा क्षेत्र में 19 अप्रैल को मतदान होगा। आज 17 अप्रैल को संध्या 5 बजे इस लोकसभा क्षेत्र में चुनावी शोर थम गया। अब दोनों दलों के नेता और कार्यकर्ता घर घर जाकर दस्तक देने पर जोर दे रहे हैं।
    दो दिन तक बस्तर लोकसभा क्षेत्र के दक्षिण बस्तर के जिलों के दौरे में जो हालात नजर आए, उसके अनुसार कांग्रेस और भाजपा ने अपने-अपने प्रत्याशी को विजयी बनाने के लिए पूरी ताकत लगा दी है। कांग्रेस जहां अपने प्रत्याशी को विजयी बनाने के लिए पड़ोसी राज्य तेलंगाना के मंत्रियों और विधायकों को भी मैदान में उतार दिया था। वहीं छत्तीसगढ़ के भी कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता गांव- गांव में जा चुके हैं। भाजपा की कमान प्रदेश भाजपा अध्यक्ष किरण देव और राज्य सरकार के मंत्री केदार कश्यप संभाले रहे। उन्होंने 16 अप्रैल को सुकमा जिले के अधिकांश भागों में जाकर धुआंधार आमसभा ली भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में माहौल बनाने का प्रयास किया। कांग्रेस ने जहां ग्रामीण क्षेत्रों में पूरी ताकत लगा रखी है, वहीं भाजपा ने जगदलपुर, बस्तर, चित्रकोट और कोंडागांव विधानसभा क्षेत्रों में ज्यादा फोकस किया है। भाजपा नेताओं का कहना है कि बीजापुर, दंतेवाड़ा और सुकमा जिलों में अगर कुछ परेशानियों का सामना करना पड़े, तो हम इन चार विधानसभा क्षेत्रों से हम उसकी भरपाई कर सकते हैं।

    भाजपा को मोदी पर भरोसा
    भाजपा को जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मोदी की गारंटी पर भरोसा है, वहीं कांग्रेस स्थानीय मुद्दों के साथ चुनाव प्रचार के मैदान में डटी रही। कांग्रेस प्रत्याशी के लच्छेदार भाषण से लोगों को रिझाने का प्रयास करते रहे।बस्तर लोकसभा क्षेत्र में नक्सली समस्या को देखते हुए मतदान कर्मियों के दलों को उनके मतदान केंद्रों तक तीन दिन पहले ही हेलीकॉप्टर के माध्यम से पहुंचाने दिया गया था। मौसम और सियासी गर्मी तेज है। उसे देखते हुए जो रुझान सामने आ रहे हैं, उसके अनुसार 2023 के विधानसभा चुनाव में मतदान का जो प्रतिशत था, उसके बनिस्बत लोकसभा चुनाव में चार से पांच प्रतिशत तक मतदान कम होने की संभावना है।बस्तर लोकसभा क्षेत्र में भाजपा जहां अपने स्तर पर पूरे लोकसभा क्षेत्र में एक रणनीति के तहत जमीनी स्तर पर काम करती रही, वहीं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के भी अनुसांगिक संगठन के लोग भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में बड़े-बड़े गांवों तक पहुंचकर भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में चुके हैं और हिंदुत्व के नाम पर मतदाता को समझाने का प्रयास करते रहे। भाजपा के नेताओं का कहना है कि बस्तर संभाग की दोनों सीट बस्तर और कांकेर के प्रत्याशी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अनुशंसा पर ही घोषित किए गए हैं इसलिए संघ ने भी पूरी ताकत लगा रखी थी।

दूसरे चरण में आएंगे बड़े नेता
दूसरे चरण का मतदान 26 अप्रैल को कांकेर लोकसभा क्षेत्र में होने जा रहा है, उसके लिए भी बड़े नेताओं की सभाएं करने की तारीख लगभग घोषित हो चुकी है। कांकेर लोकसभा क्षेत्र में प्रियंका गांधी का कार्यक्रम तय हो चुका है, जो बालोद विधानसभा क्षेत्र के किसी गांव में होने की संभावना है। वहीं भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रसाद नड्डा की आमसभा कांकेर में होने की संभावना है। 23 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आमसभा महासमुंद लोकसभा क्षेत्र के धमतरी में होने की संभावना है। इसमें कांकेर और महासमुंद लोकसभा क्षेत्र के कार्यकर्ताओं को ले जाया जाएगा और दोनों लोकसभा क्षेत्रों के प्रत्याशी प्रधानमंत्री के मंच पर मौजूद रहेंगे।

तेंदूपत्ता का भुगतान बना मुद्दा
बीजापुर और सुकमा जिले में तेंदूपत्ता महत्वपूर्ण चुनाव मुद्दा बन चुका है और वर्तमान वन मंत्री केदार कश्यप दोनों स्थानों पर इस विषय को ताकत के साथ उठाते रहे हैं। लोकसभा चुनाव के आचार संहिता समाप्त होने के बाद तेंदूपत्ता संग्राहकों को नगद भुगतान करने की घोषणा भी कर दी है। जिनका बैंक में खाता नहीं खुला और उन्हें भुगतान को लेकर परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।दोनों जिलों के तेंदूपत्ता संग्राहकों का कहना है कि जो करोड़ों रुपयों के बकाया भुगतान के बारे में भाजपा सरकार कुछ नहीं बोल रही है।