- सनातन धर्म का अपमान कांग्रेस का चरित्र: कश्यप
- महाकुंभ का न्योता ठुकराना सनातन विरोधी कदम: केदार कश्यप
- अयोध्या के बाद महाकुंभ पर भूपेश की घृणित टिप्पणी से करोड़ों श्रद्धालु आहत
जगदलपुर कांग्रेस द्वारा महाकुंभ पर अपमानजनक टिप्पणी किए जाने को लेकर प्रदेश के वन मंत्री केदार कश्यप ने भड़क उठे हैं। श्री कश्यप ने पलटवार करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने नेता प्रतिपक्ष और सभी विधायकों को सनातन धर्म की आस्था के प्रतीक प्रयागराज महाकुंभ में स्नान का आमंत्रण दिया, जिसे कांग्रेस के ठुकराकर एकबार फिर अपनी सनातन विरोधी मानसिकता को उजागर कर दिया है।
मंत्री केदार कश्यप ने कहा है कि सबसे पहले कांग्रेसियों ने अयोध्या में प्रभु श्रीराम लला मंदिर के उद्घाटन समारोह के आमंत्रण को ठुकराया था और जब उन्हें महाकुंभ चलने का न्योता दिया गया, तो नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने महाकुंभ के न्योते को ठुकराते हुए यह कह दिया कि न हम जाएंगे और न ही कांग्रेस के विधायक जाएंगे। भूपेश बघेल महाकुंभ के पर्व पर अर्नगल बयानबाजी करने लगे हैं। करोड़ों लोगों की आस्था के प्रतीक महाकुंभ का अपमान करने के लिए कांग्रेस को शर्म आनी चाहिए। केदार कश्यप ने सवाल करते हुए कहा कि सनातन धर्म के प्रतीक व धर्म और आस्था के प्रतीक महाकुंभ का इस तरह अपमान करते हुए कांग्रेस को शर्म क्यों नहीं आती है ? क्यों कांग्रेस करोड़ों सनातनियों की आस्था के साथ बार-बार खिलवाड़ करती है, क्यों जो हिन्दुओं के पर्व और धार्मिक आस्था के कार्यक्रम है, उनका बार-बार मजाक और अपमान करती है। श्री कश्यप ने कहा आज देश-विदेश से 45 करोड़ से ज्यादा लोग 144 साल बाद होने वाले इस महाकुंभ के साक्षी बन रहे हैं। इस महाकुंभ में आस्थावानों में बुजुर्ग, दिव्यांग, महिलाएं, बच्चे, बुजर्ग माताएं और युवा करोड़ों की संख्या में शामिल हो रहे हैं। आस्था और धर्म की राह पर ऐसे सनातनी व्यक्तिगत शारीरिक रूप से अनेक तकलीफों को सहन करते हुए महाकुंभ पहुंच रहे हैं। इस परम लौकिक पल के साक्षी बनने के लिए ऐसी आस्था है कि लोग बीमार होने के बावजूद महाकुंभ में शामिल हो रहे हैं। केदार कश्यप ने कहा करोड़ों लोगों की आस्था के प्रतीक महाकुंभ पर अपमानजनक टिप्पणी करने की हिमाकत कांग्रेस को नहीं करनी चाहिए थी। जनता इसका जवाब जरूर देगी।