डीएवी मुख्यमंत्री पब्लिक स्कूल उलनार में पीएम के परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम का लाइव टेलीकास्ट

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  • लाभान्वित हुए स्कूल के 160 विद्यार्थी एवं शिक्षक

बकावंड प्रधानमंत्री नरेंद्री मोदी ने बोर्ड परीक्षाओं से पहले देशभर के 10वीं और 12वीं कक्षा के स्टूडेंट्स के तनाव को कम करने के लिए परीक्षा पर चर्चा की। आज 10 फरवरी को दिल्ली के प्रगति मैदान के भारत मंडपम मे आयोजन हुआ।इस कार्यक्रम में पीएम मोदी विद्यार्थी, शिक्षक और पालकों के साथ बोर्ड परीक्षा से पहले होने वाले तनाव और डर को कम करने के लिए ‘परीक्षा पर चर्चा’ कार्यक्रम को दूरदर्शन के यूट्यूब चैनल पर लाइव प्रसारित किया गया।

विद्यार्थियों को लाभान्वित करने के उद्देश्य से डीएवी मुख्यमंत्री पब्लिक स्कूल में प्राचार्य मनोज शंकर के मार्गदर्शन में कार्यक्रम का लाइव टेलीकास्ट प्रोजेक्टर के माध्यम किया गया।प्राचार्य मनोज शंकर, शिक्षक राजेश यादव, कृष्णकांत बर्मन, दीपिका यादव,काजल कश्यप, उर्मिला ठाकुर, वंदना बघेल, हर्षा सिंह, श्रेजल विष्णु, कृति रथ, सुगंधा चौहान, समस्त शिक्षक एवं कक्षा छठवीं से बारहवीं तक कुल 160 विद्यार्थी लाभान्वित हुए।

चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री ने समस्त स्कूली बच्चों से कई विषयों पर चर्चा की

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छात्रों को डिप्रेशन से लड़ने और जीवन में सफलता पाने के लिए कुछ महत्वपूर्ण सुझाव दिए। उन्होंने बताया कि कैसे छात्र अपने माता-पिता और परिवार के साथ बेहतर आपसी संवाद स्थापित करके डिप्रेशन से बच सकते हैं। साथ ही, उन्होंने जीवन में असफलताओं से निपटने और खुद को मजबूत बनाने के तरीके भी साझा किए।

डिप्रेशन से बचने का गुरु मंत्र

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अक्सर बच्चे बड़े होने पर अपने माता-पिता से बातें छिपाने लगते हैं, जो डिप्रेशन का कारण बन सकता है। उन्होंने सलाह दी कि छात्रों को अपने माता-पिता और परिवार के साथ लगातार बातचीत करनी चाहिए। अपनी बातें खुलकर शेयर करने से वे कभी भी डिप्रेशन का शिकार नहीं होंगे। पीएम मोदी ने कहा कि छात्रों को अपने माता-पिता की बात माननी चाहिए, लेकिन साथ ही उन्हें प्यार से अपनी बात समझानी चाहिए। उन्होंने कहा- अपने माता- पिता को बताएं कि मेरे पास भी एक आइडिया है। इसके बाद वे आपकी बात पर जरूर ध्यान देंगे। प्रधानमंत्री ने छात्रों को समझाया कि जीवन में असफलताएं आती हैं, लेकिन उनसे घबराना नहीं चाहिए। उन्होंने कहा, “स्कूल में कई बच्चे फेल होते हैं, लेकिन वे फिर से कोशिश करते हैं। जिंदगी अटकती नहीं है। आपको तय करना होगा कि आपको जीवन में सफल होना है या सिर्फ किताबों में। असफलताओं को अपना शिक्षक बनाइए।

खुद से करें प्रतिस्पर्धा

पीएम मोदी ने छात्रों से कहा कि वे दूसरों से प्रतिस्पर्धा करने के बजाय खुद से प्रतिस्पर्धा करें। उन्होंने कहा- जो लोग खुद से प्रतिस्पर्धा करते हैं, उनका आत्मविश्वास कभी नहीं टूटता। हंसी यानि लाफ्टर थेरेपी का महत्व बताते हुए प्रधानमंत्री ने छात्रों को खुश रहने की सलाह दी और कहा कि घर में सभी के साथ लाफ्टर थेरेपी करें। उन्होंने कहा कि छोटी-छोटी जीत पर खुश होना सीखें। टार्गेट ऐसा बनाएं जो पहुंच में हो, लेकिन पकड़ में न हो। अगर आपके 93 अंक आए हैं, लेकिन 95 नहीं, तो भी उस पर गर्व करें। पीएम मोदी ने माता-पिता और शिक्षकों से आग्रह किया कि वे बच्चों पर अनावश्यक दबाव न डालें। उन्होंने कहा, अगर बच्चा तनाव में है, तो इसकी जिम्मेदारी परिवार की है।अगर बच्चा आर्टिस्ट बनना चाहता है, लेकिन माता-पिता उसे इंजीनियर बनाना चाहते हैं, तो यह गलत है। बच्चे की रुचि और क्षमता को पहचानें। उसकी स्किल पर ध्यान दें। प्रधानमंत्री ने कहा कि स्किल बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा, माता-पिता को बच्चों की स्किल पर ध्यान देना चाहिए। हर बच्चा अलग-अलग क्षेत्र में अच्छा होता है। जैसे सचिन तेंदुलकर खेल में अच्छे हैं, पढ़ाई में नहीं।

हैंडराइटिंग पर पीएम की सलाह

पीएम मोदी ने अपने स्कूल के दिनों को याद करते हुए कहा- मेरी हैंडराइटिंग ठीक करने के लिए मेरे टीचर्स ने बहुत मेहनत की। भले ही मेरी हैंडराइटिंग ठीक न हो पाई, लेकिन मेरे टीचर्स की हैंडराइटिंग ठीक हो गई। डीएवी स्कूल में आयोजित इस कार्यक्रम के सफल संचालन में समस्त स्टाफ का महत्वपूर्ण योगदान रहा ।इस मौके पर विद्यालय के प्राचार्य, विद्यार्थी एवं समस्त शिक्षकगण मौजूद थे।