जामडी पाटेश्वर धाम धार्मिक आस्था के प्रतीक स्वरूप मंदिर तथा आश्रम को यथावत रखने 20 ग्रामों के लोगों ने राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा

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बालोद – जामडी पाटेश्वर धाम धार्मिक आस्था के प्रतीक स्वरूप  मंदिर तथा आश्रम को यथावत रखने 20 ग्रामों के लोगों ने अनुविभागीय अधिकारी राजस्व ऋषिकेश तिवारी को डौंडी लोहारा मुख्यालय में जाकर राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा गया | डौंडी लोहारा जामडी पाटेश्वर धाम क्षेत्र के ग्राम केरीजुगेरा,लमती, केरी ,तुयेगोंदी, तुमड़ीकसा, करियाटोला, गोटीटोला, कोड़ेकसा, माटरी, उसरीटोला, अडमागोंदी,बरडीह,चिखली,पीपरखार, बड़ाजुगेरा,भवरमरा, झींका टोला तथा ग्राम लोहार टोला सहित लगभग 20 ग्रामो के सर्व समाज के ग्रामीण शामिल थे |

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ग्रामीणों ने राज्यपाल के नाम प्रेषित पत्र में लिखा है कि श्री जामडी पाट देवस्थान हजारों वर्षों से इस क्षेत्र के आदिवासी समाज का पूजित स्थान रहा है जहाँ पर सन 1975 से महंत  श्रीराम जानकीदास महात्यागी का तपस्थली है। जो विगत 45 वर्षों से देशभर के भक्तों के लिए आस्था का स्थल है जहाँ प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में भक्तगण मदिर में दर्शन के लिए आते हैं। श्री जामडी पाटेश्वर धाम में प्रतिदिन आने वाले भक्तों के सुविधा के लिए प्रदेश सरकार के वन

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विभाग द्वारा बाउंड्रीवाल निर्माण तथा अन्य शासकीय विभागों द्वारा भक्तों के विश्राम के लिए भवन निर्माण , पेयजल व्यवस्था एवं विद्युत व्यवस्था सहित अन्य सुविधायें उपलब्ध कराई गई है, साथ ही सम्पूर्ण देश भर के भक्तों द्वारा दिये गए दान की राशि से श्री बालयोगेश्वर रामबालकदास जी महात्यागी के मार्गदर्शन में लगभग 25 करोड रूपये की लागत से माँ कौशल्या जन्मभूमि का भव्य मंदिर निर्माणाधीन है जिसमें विगत 15 वर्षों में 6 करोड़ रूपये खर्च किया जा चुका है।

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श्री पाटेश्वर सेवा संस्थान द्वारा वर्ष 2005 से मंदिर तथा आश्रम की भूमि का प्रत्यावर्तन कराने वन विभाग से लगातार पत्राचार किया गया है. जिसके परिपालन में संस्थान से आवश्यक दस्तावेज प्राप्त कर वन परिक्षेत्र अधिकारी डीण्डी लोहारा ने पत्र कमांक 1060 दिनींक 00/06/2007 द्वारा प्रस्ताव वन मंडलाधिकारी दुर्ग को प्रेषित किया तथा सल्यान से वन मंडलाधिकारी दुर्ग द्वारा मंदिर तथा आश्रम की भूमि का प्रत्यावर्तन प्रकरण संबंधित पंजीयन शुल्क 6 हजार रुपये  का बैंक ड्राफ्ट जमा कराकर कार्यवाही की गई है। उक्त प्रस्ताव पर प्रधान मुख्य वन संरक्षक छ. ग. द्वारा पत्र क्रमांक 949 दिनाँक 07/05/2008 जारी कर उक्त प्रस्ताव कोपंजीयनक्रमांकDUG/DUG/DUG/MIS/08/31 आबंटित किया गया है जो आज भी

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प्रक्रियाधीन है। श्री पाटेश्वर सेवा संस्थान के मांग पर छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल रायपुर द्वारा पत्र कमांक 4726 दिनांक 10/01/2005 प्रेषित कर कलेक्टर दुर्ग को श्री जामड़ी पाटेश्वर आश्रम, जिला दुर्ग को छत्तीसगढ़ पर्यटन की सूची में शामिल करने हेतु पत्राचार किया था। वन विभाग में प्रत्यावर्तन प्रकरण प्रक्रियाधीन होने के बाद भी माह सितंबर 2020 से बालोद जिला वन विभाग के डी.एफ ओ द्वारा पाटेश्वर धाम में आने वाले भक्तों के सुविधा के लिए निर्मित भवनों को खाली करने का नोटिस बार-बार दिया जा रहा है। जबकि बालोद जिला एवं छत्तीसगढ़ प्रांत

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में हजारों पूजा स्थल हिन्दू धर्म एवं अन्य धर्मों के हैं जो फॉरेस्ट भूमि पर स्थित है उनको नोटिस नहीं दिया जा रहा है, केवल पाटेश्वर धाम को पडयंत्र पूर्वक टारगेट बनाकर नोटिस भेजा जाना पूरी तरह अनुचित है। जिसके कारण संत श्री रामबालकदास जी व भक्त गण मानसिक रूप से प्रताड़ित हो रहे हैं। इसी तरह श्री जामड़ी पाटेश्वर धाम पर जिला वन अधिकारी द्वारा किये गये इस अपमानजनक कृत्य से संपूर्ण देश भर के भक्त गण य सत समाज आकोशित हो रहे है। इस विषय में वन मंत्री मा मो. अकबर /महिला बाल विकास मंत्री अनिला भेडिया ,संसदीय सचिव कुवरसिंह निषाद  ,गौसेवा  आयोग के अध्यक्ष महंत  रामसुंदरदास  को भी ज्ञापन एवं ग्राम सभा का प्रस्ताव संत  राम बालक दास  के द्वारा सौपा जा चुका है। 

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