राजहरा क्वारी केंटीन का हाल बेहाल

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  • अफसर ए सी में मस्त, श्रमिक तपती गर्मी से त्रस्त।

भिलाई इस्पात संयंत्र अधीनस्थ राजहरा यंत्रीकृत खदान में संचालित क्वारी केंटीन में इस तपती गर्मी में कर्मचारी, बिना एयर कूलर, पंखे की तपती गर्म हवा के नीचे बैठकर नाश्ता करने को मजबूर है।

इस केंटीन का एयर कूलर, वाटर कूलर, व किचेन का एग्जास्ट फैन महीनों से खराब पडा है।इस संबंध में संबंधित अधिकारियों व जिम्मेदार लोगों से कई बार शिकायत किए जाने के बावजूद स्थिति मे कोई सुधार नहीं किया गया।

पिछले कुछ वर्षों से खदानों में कर्मचारी कल्याण से संबधित मामलों मे खदान प्रबंधन का रवैया बेहद उदासीन व नकारात्मक हो चुका है।शिकायतों पर गंभीरता से संज्ञान तभी लिया जाता है, जब कर्मचारी कामबंद हडताल पर उतर जाते हैं। दरअसल खदानों में होने वाली कामबंदी व हडताल प्रबंधन द्वारा ही आमंत्रित की जाती है।

आश्चर्य की बात है कि श्रमिक कल्याण के लिए नियुक्त श्रम कल्याण अधिकारी, जिन्हें कार्य क्षेत्र में जाकर श्रमिकों की समस्याओं का निदान करवानें का प्रयास करना चाहिए, उन श्रम कल्याण अधिकारियों को उच्च अधिकारियों ने अपना सहायक बनाकर आफिस कार्यों में संलग्न करके रख लिया गया है।इन्हे कार्य क्षेत्र में जाने, समस्याओं को जानने व कर्मचारियों से संवाद का समय ही नहीं मिल पाता है।जिसके परिणामस्वरूप कार्य क्षेत्र में गंभीर समस्याओं का अंबार लगता जा रहा है, लेकिन ए सी कमरों में बैठे अधिकारियों को इससे कोई फर्क नहीं पडता है। शायद प्रबंधन श्रमिकों के आक्रोश व कामबंदी को झेलने का आदी हो चुका है।

जहां एक ओर केन्द्र सरकार के श्रम मंत्रालय ने हाल ही में सभी कारखानों व खदानों के कर्मचारियों को गर्मी से बचाने के लिए विशेष व अतिरिक्त व्यवस्था करने का निर्देश दिया है, वहीं दूसरी ओर खदान प्रबंधन की पुरानी व्यवस्था बनाए रखने भी कोई रूचि नहीं है। इस प्रकार हमारा खदान प्रबंधन अपने आप को केंद्र सरकार से ऊपर समझ बैठा है।यदि जल्द समस्याओं का निरकरण नहीं हुआ तो फिर राजहरा क्वारी के समस्त कर्मचारी कामबंदी के लिये बाध्य होंगे ।

खदानों में श्रमिक कल्याण की बदतर स्थिति पर जल्द ही हमारी यूनियन द्वारा केंद्र सरकार व संबंधित विभागों को विस्तृत प्रतिवेदन प्रेषित किया जायेगा।