बीएसएनल टावर का नवीनीकरण शुल्क जमा

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  • 25 लाख 20 हजार रुपए जमा किए बीएसएनएल ने
  • जमा किया 4 साल का नवीनीकरण शुल्क
  • शहर में बीएसएनएल के 21 टावर: संग्राम सिंह राणा

जगदलपुर नगर में लगे बीएसएनएल टावर का नवीनीकरण शुल्क नगर पालिक निगम जगदलपुर को पिछले 5 सालों से जमा नहीं किया जा रहा था। नगर निगम में भाजपा की सरकार बनने के बाद महापौर संजय पांडे के मार्गदर्शन एवं आयुक्त प्रवीण वर्मा के निर्देश एवं राजस्व सभापति संग्राम सिंह राणा के नेतृत्व में बीएसएनएल टावर सहित वायरलेस टीटी, इन्फो, टाटा टेली सर्विसेज लिमिटेड, बीटीए सेल्स कॉम लिमिटेड, आइडिया सेल्यूलर लिमिटेड, एटीसी टेलीकॉम इंफ़्रा, भारतीय सेल्यूलर लिमिटेड, रिलायंस जिओ इंफ्रा, एयरटेल लिमिटेड, सुमीत डिजिटल इंफ्रा, जिओ डिजिटल, भारती इंफ्राटेल लिमिटेड, भारती एयरटेल, रिलायंस मोबाइल टावर, टाटा इंडीकॉम, आइडिया मोबाइल, बीटीएस टावर, बीटीए टेलीकॉम, सबमिट डिजिटल इंफ्रा, व्योम नेटवर्क लिमिटेड, टीटी इन्फो सर्विसेज, टाटा एलाइंस लिमिटेड, वायरलेस टीटी इन्फो जैसी प्राइवेट कंपनियों पर लगातार शुल्क जमा करने दबाव बनाया जा रहा है। बहुत सारे मोबाइल टावर कंपनियों ने नवीनीकरण शुल्क भी जमा नहीं किया है। जल्द से जल्द उनके खिलाफ भी करवाई की जाएगी।

राजस्व सभापति संग्राम सिंह राणा ने बताया कि बीएसएनएल ने 2021 से 2024 तक पिछले 4 साल का नवीनीकरण शुल्क 25 लाख 20 हजार नगर निगम जगदलपुर में जमा किए हैं। प्रति टावर नवीनीकरण शुल्क 30 हजार रुपए है।शहर में लगे विभिन्न प्राइवेट कंपनियों ने भी नवीनीकरण शुल्क एवं शेयरिंग शुल्क पिछले कई सालों से जमा नहीं किया है। सभी टावर कंपनियों को निगम द्वारा जल्द शुल्क जमा करने, शहर में किस कंपनी के कितने टावर लगे हैं और कब से कार्यरत हैं यह जानकारी टॉवर कंपनियों से मांगी गई है। महापौर संजय पांडे ने कहा शहर में लगे समस्त टावरों की जांच की जाएगी। जितने अवैध टावर लगे हैं उसे सील किया जाएगा। नवीनीकरण शुल्क सभी टावर एजेंसी को देना अनिवार्य है। जो नहीं देगा उस पर विधिवत कार्रवाई की जाएगी। मैं धन्यवाद देना चाहता हूं शहर के विधायक किरण सिंह देव का जिनके मार्गदर्शन पर नगर निगम जगदलपुर एक स्वच्छ सुंदर समृद्ध बनेगा। राजस्व सभापति नगर निगम संग्राम सिंह राणा ने कहा नवीनीकरण शुल्क 30 हजार रुपए प्रति टावर एवं शेयरिंग शुल्क 90 हजार रुपए है। अभी नगर निगम द्वारा नवीनीकरण शुल्क वसूला जा रहा है। उसके बाद टावर में विभिन्न कंपनियों द्वारा लगाई गई शेयरिंग पर भी 90 हजार रुपए प्रति शेयरिंग शुल्क वसूले जाएंगे। शहर में लगे एक-एक कंपनियों के टावर की जांच एवं उस पर लगे शेयरिंग की वसूली की जाएगी।