- महज दो दिन ही की गई तेंदूपत्ता खरीदी: राय
जगदलपुर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव एवं सुकमा के वरिष्ठ कांग्रेस नेता दुर्गेश राय तेंदूपत्ता खरीदी को लेकर बड़ा आरोप लगाया है। दुर्गेश राय का कहना है कि सुकमा जिले में इस तेंदूपत्ता सीजन के दौरान महज दो दिन ही तेंदूपत्ता की खरीदी कर जिले के गरीब आदिवासी तेंदूपत्ता श्रमिकों से छल किया गया है। हजारों तेंदूपत्ता श्रमिकों को बेरोजगार कर दिया गया है, उनके सामने आर्थिक समस्या खड़ी कर दी गई है।
कांग्रेस के प्रदेश सचिव दुर्गेश राय ने कहा कि सरकार और वन विभाग के अधिकारियों ने तेंदूपत्ता संग्रहण करने वाले हजारों हितग्राहियों को रोजगार के अवसर वंचित कर दिया है।एक तरफ सरकार तेंदूपत्ता के नाम से वाहवाही लूटने की कोशिश कर रही है वहीं दूसरी तरफ सुकमा जिले में सरकारी तंत्र ने सिर्फ 2 ही दिन तेंदूपत्ता संग्रहण का काम किया और अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया। कांग्रेस नेता दुर्गेश राय ने कहा है कि सुकमा जिले के बहुत से हितग्राही सिर्फ तेंदूपत्ता संग्रहण के भरोसे खेती बाड़ी, अपने पढ़ाई करने वाले बच्चों की कॉपी पुस्तक, एडमिशन फीस का इंतजाम करते हैं।वहीं कुछ पढ़े लिखे छात्र फड़मुंशी, सहायक फड़मुंशी बन छुट्टी के दिनों में कुछ आमदनी कमाकर अपनी आगे की पढ़ाई और अन्य जरुरतों के लिए धन की व्यवस्था करते हैं। आज यह सबसे उनको पृथक कर सरकार वन विभाग के द्वारा तेंदूपत्ता संग्रहण करवा रही है। इस साल तेंदूपत्ता संग्रहण का ठेका न होना तेंदूपत्ता श्रमिकों के लिए नुकसान दायक साबित हो रहा है।सुकमा जिले के तेंदूपत्ता श्रमिकों को भारी आर्थिक नुकसान पहुंचा है। तेंदूपत्ता संग्रहण के कार्य से मिलने वाली रकम का यहां के गरीब आदिवासी अपने बच्चों के शादी विवाह, सगा संबंधियों के शादी विवाह, सामाजिक कार्यक्रम और सुख दुख के कार्यों में उपयोग किया करते थे। सरकार ने आदिवासियों के हितों से मुंह मोड़ लिया है। इसके पीछे सरकार की मंशा क्या है वही जाने, लेकिन ग्रामीणों मे जो रोष सरकार एवं वन विभाग के खिलाफ है, वह गरीब आदिवासी विरोधी भाजपा सरकार को भारी पड़ सकता है। आज इस नुकसान की भर पाई कौन करेगा? सरकार और वन विभाग के अधिकारियों को जबाब देना चाहिए कि उन्होंने सिर्फ 1- 2 दिन ही तेंदूपत्ता खरीदा क्यों की? सुकमा के व्यपार पर भी इसका असर देखने को मिल रहा है।
ओड़िशा जा रहा है तेंदूपत्ता: राय
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव दुर्गेश राय ने आगे कहा कि खरीदी बंद कर दिए जाने से सुकमा जिले के लोग अपनी जमीन से तेंदूपत्ता की तोड़ाई नहीं कर पा रहे हैं। मजबूरीवश ऐसे लोग ओड़िशा एवं सुकमा मे बसे ओड़िशा के लोगों के पास औने पौने दामों में अपना जंगल बेच दे रहे हैं। ओड़िशा के लोग यहां से तेंदूपत्ता तोड़कर ओड़िशा ले जा रहे हैं और वन विभाग के नुमाइंदे उनसे रकम लेकर उनके इस अवैध कृत्य को बढ़ावा दे रहे हैं। इसके चलते पूरा राजस्व ओड़िशा सरकार को मिल रहा है और छत्तीसगढ़ शासन को राजस्व की बड़ी क्षतिपहुंच रही है। श्री राय ने कहा है कि वन विभाग के अधिकारी अपने एसी वाले चेंबर मे बैठकर आदिवासी हितग्राहियों की बर्बादी का तमाशा देख रहे हैं।