जगदलपुर। ऑल इंडिया नगरनार एंप्लाइज यूनियन द्वारा एक सर्वदलीय बैठक का आयोजन कस्तुरी में किया गया था जिसमें नगरनार विनिवेशीकरण के मामले में चर्चा हुई थी। इस मुद्दे पर प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम, संसदीय सचिव एवं जगदलपुर विधायक रेखचंद जैन तथा सांसद दीपक बैज ने स्पष्ट तौर पर कहा था कि विधानसभा में शासकीय संकल्प लाया जाएगा। उसी तारतम्य में बस्तर के ऊर्जावान आदिवासी नेता तथा छत्तीसगढ़ सरकार के उद्योग मंत्री कवासी लखमा ने नगरनार स्टील प्लांट डी-मर्जर मामले में शासकीय संकल्प लाया है जिसका श्रमिक संगठनों, किसान संगठनों व कांग्रेस पार्टी तथा व्यापारिक संगठनों ने स्वागत किया गया है। कुछ पार्टी द्वारा अनर्गल बयानबाजी कर इसमें राजनीतिक स्वार्थ सिद्धि की जा रही है जबकि जो नेता बस्तर आए थे ना वहां विधानसभा के सदस्य हैं ना ही किसी अन्य पदों पर हैं क्या वह अशासकीय संकल्प ला सकते थे। यह नियम के अनुसार भी अशासकीय संकल्प नहीं ला सकते थे क्योंकि शासकीय- अशासकीय संकल्प लाने के लिए लगभग 5 विधायकों का हस्ताक्षर जरूरी है। उक्त बातें छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के आईटी सेल के प्रदेश महासचिव योगेश पानीग्राही ने कही।
आईटी सेल प्रदेश महासचिव योगेश पानीग्राही ने कहा कि बस्तर के मुद्दों पर सभी लोगों की एकजुटता के लिए नगरनार स्टील प्लांट बचाओ संघर्ष समिति का गठन किया गया है और माननीय मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी व प्रदेश संगठन ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि वह इस मुद्दे पर किसानों जनता तथा बस्तर के साथ है। मुख्यमंत्री बघेल ने बस्तर के अन्य राजनीतिक दलों को भी राजनीति से दूर रहकर इस मुद्दे पर एकजुटता बनाए रखने की अपील की है साथ ही स्थानीय जनप्रतिनिधियों द्वारा भी यह कहा जा रहा है । बस्तर जिला कांग्रेस संगठन के अध्यक्ष राजीव शर्मा व बलराम मौर्य द्वारा भी समय-समय पर श्रमिक, किसानों व बस्तरहित के लिए आंदोलन में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं। कथित कुछ पार्टी के लोगों द्वारा जनता के सामने भ्रम फैलाने की कोशिश कर रहे हैं जिसका कांग्रेस पार्टी पुरजोर तरीके से विरोध करती है।