रायपुर। अविभाजित बस्तर जिले के जंगलों में दबे माओवादियों की धमक राजधानी रायपुर सहिंत भिलाई-दुर्ग जैसे पॉश इलाकों तक कैसे पहुंचे।इसका जवाब तत्कालीन गृहमंत्री बृजमोहन अग्रवाल को जनता को देना चाहिए और यह बताना भी जरूरी है कि भाजपाईयों के सांठ-गांठ नक्सलियों से उजागर हुए उसके लिए रमनसिंह सरकार ने क्या किया उसका उत्तर भी जनता को मिलना चाहिए ?उक्त आरोप छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी आईटी सेल व सोशल मीडिया प्रदेश महासचिव योगेश पानीग्राही ने लगाते हुए सवाल दागे हैं।
आईटी सेल प्रदेश महासचिव योगेश पानीग्राही ने आगे कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कभी भी नक्सलियों से बातचीत करने की बात नहीं कही है। उन्होंने मीडिया को स्पष्ट रूप से कहा है कि नक्सलियों के समाधान के लिए जनता के बीच पहुंचकर चर्चा करेंगे।इसी तर्ज पर भूपेश बघेल सरकार व गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू के निर्देश बस्तर की पुलिस सुरक्षा,विश्वास व विकास की त्रिवेणी के माध्यम से जनता का दिल जीत रही है जबकि पंद्रह वर्षों में खासकर बृजमोहन अग्रवाल के गृहमंत्रीत्व कार्यकाल में माओवादियों की धमक राजधानी रायपुर तक हो गई थी जिसके कारण वह नक्सलियों से लड़ने की बजाय पद छोड़ कर भागे थे इसलिए उन्हें इस मसले पर प्रतिक्रिया देने के हकदार भी नहीं हैं।