खदान मजदूर संघ द्वारा खदानों में साप्ताहिक अवकाश के दिन कार्य कराने के एवज में कर्मियों को ओवरटाइम देने प्रभारी निदेशक बीएसपी को ज्ञापन

0
287

महारत्न सेल के विभिन्न इकाईओं में अलग अलग नियम और कानून प्रभावशील हैं। जहाँ कुछ इकाईओं में केंद्र सरकार के द्वारा बनाये गए नियम और कानून के तहत कर्मियों को लाभ दिया
जा रहा है वहीं कुछ इकाई ऐसे भी हैं जहाँ केंद्र अथवा राज्य सरकार के नियम और कानून की
खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं और कर्मियों का खुले आम शोषण किया जा रहा है। भिलाई
इस्पात संयंत्र प्रबंधन कर्मियों के शोषण करने के मामले में सबसे आगे है। मामला चाहे फेस्टिवल एडवांस का हो या फिर साप्ताहिक अवकाश के दिन कार्य कराने के एवज में दिए जाने वाले प्रतिपूरक राशि (ओवर टाइम ) या प्रतिपूरक अवकाश का हो भिलाई इस्पात संयंत्र प्रबंधन पूरी तरह से अवैधानिक कार्य कर रहा है। उक्त आरोप भारतीय मजदूर संघ से सम्बद्ध खदान मजदूर संघ भिलाई के महामंत्री एम.पी.सिंह ने लगाते हुए कहा कि इस सम्बन्ध में संघ ने प्रभारी निदेशक भिलाई इस्पात संयंत्र को ज्ञापन सौंपते हुए मांग की है कि बी.एस.पी. के बंधक खदानों में अगर कर्मियों को साप्ताहिक अवकाश के दिन कार्य पर बुलाया जाता है तो उसे उक्त दिवस का दुगुना वेतन दिया जावे। अगर कंपनी दुगुना वेतन देने में सक्षम नहीं है तो आरएमडी के खदानों की तरह कर्मियों को एक दिन का एक्स्ट्रा वेतन और एक दिन की प्रतिपूरक अवकाश दी जावे।

This image has an empty alt attribute; its file name is image-21.png

इस सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी देते हुए संघ के महामंत्री ने बताया कि माइंस एक्ट 1952 के सेक्शन 33(1) में यह उल्लेखित है कि अगर किसी भी हफ्ते में कोई कर्मी 48 घंटे से अधिक कार्य करता है तो ऐसे में उक्त कर्मी 48 घंटे से अधिक कार्य हेतु अपने सामान्य वेतन से दुगुना वेतन का हकदार होगा। आरएमडी के खदानों में साप्तहिक अवकाश के दिन कार्य पर बुलाये गए कर्मियों को जहाँ एक दिन का एक्स्ट्रा वेतन और एक दिन का प्रतिपूरक अवकाश दिया जाता है जिसका समुचित प्रमाण संघ के पास मौजूद है जिसे सही समय पर सही जगह उजागर किया जावेगा। वहीं बीएसपी के खदानों में केवल एक दिन का अनाधिकारिक प्रतिपूरक अवकाश दी जाती है। जिस दिन कर्मी प्रतिपूरक अवकाश लेता है उस दिन कर्मी की हाजिरी लगाई जाती है लेकिन कर्मी कार्यस्थल पर उपस्थित न होकर अपने निजी कार्यों में बाहर व्यस्त रहता है। एक ही महारत्न सार्वजानिक उपक्रम के दो इकाईओं में एक जगह कर्मियों को समुचित लाभ दिया जाता है तो दूसरी तरफ बीएसपी में कर्मियों का शोषण किया जा रहा है और अवैधानिक तरीके से प्रतिपूरक अवकाश दी जा रही है, ऐसा क्यों?

This image has an empty alt attribute; its file name is image-1.png

एम.पी.सिंह ने इस अवैधानिक कृत्य के लिए बी.एस.पी. प्रबंधन से अधिक खदान के वामपंथी
श्रम संगठनों को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि आजतक खदान कर्मियों ने वामपंथी श्रम संगठनों को मान्यता दिलाया लेकिन इन 06 दशकों में वामपंथी श्रम संगठनों के पदाधिकारिगणों ने प्रबंधन के साथ मिलकर खदान कर्मियों को केवल बेवकूफ बनाया और अपनी उल्लू सीधा करते रहे। पूर्व में भी इन वामपंथी श्रम संगठनों के मिलीभगत से कर्मियों का फेस्टिवल एडवांस बंद हो गया था जिसे भारतीय मजदूर संघ ने आरएमडी एवं अन्य इकाईओं के पेस्लिप को आधार बनाकर बीएसपी प्रबंधन को इसे दुबारा शुरू करने हेतु मजबूर किया।

विगत कई महीने से प्रोडक्शन का हवाला देते हुए प्रबंधन साप्ताहिक अवकाश के दिन
कर्मियों को कार्य पर बुला रहा है और ये वामपंथी श्रम संगठन जो कि अपने आपको कर्मियों का
मसीहा कहता है मौन धारण करते हुए प्रबंधन का लगातार सहयोग करते हुए कर्मियों का शोषण होते देख रहा है। इस सम्बन्ध में संघ ने पूर्व में भी कई बार ज्ञापन देते हुए प्रबंधन से चर्चा की जिस पर प्रबंधन के अधिकारीयों ने केवल मामले पर समुचित कारवाई करने का आश्वासन दिया लेकिन कोई ठोस कारवाई नहीं की। साप्ताहिक अवकाश के दिन कार्य पर बुलाने एवं अवैधानिक तरीके से प्रतिपूरक अवकाश देने से जहाँ एक तरफ कर्मियों को इंसेंटिव का नुकसान होता है वहीं दूसरी तरफ अवैध प्रतिपूरक अवकाश के दिन अगर किसी कर्मी का दुर्भाग्यवश किसी तरह की दुर्घटना हो जाती है तो उसे किसी तरह का कोई लाभ नहीं मिलेगा। अतः संघ खदान प्रबंधन के इस कृत्य का पुरजोर विरोध करते हुए मांग करता है कि साप्ताहिक अवकाश के दिन कार्य पर बुलाये जाने वाले कर्मियों को आरएमडी के खदानों के तर्ज पर एक दिन का एक्स्ट्रा वेतन और एक दिन की आधिकारिक प्रतिपूरक अवकाश दी जावे। साथ ही सभी कर्मियों से भी यह अपील करता है कि प्रबंधन के अधिकारीयों के झांसे में आकर अपने हक की तिलांजलि न देवें अन्यथा किसी तरह की दुर्घटना होने पर प्रबंधन अपना पल्ला झाड़ लेगा और परेशानी केवल कर्मियों और उनके परिवार के परिजनों को ही होगी।