बढ़ता छत्तीसगढ़ विकासशील छत्तीसगढ़ के दावे को खोखला करते हुए इस पंचायत के निवासी झरिया का पानी पीने को मजबूर हैं।

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भानपुरी। विकास से कोसो दूर नारायणपुर विधानसभा के कुंगारपाल पंचायत के भालूगुड़ापारा में निवासरत करीब 400 परिवार मूलभूत समस्या से जूझ रहे हैं। बढ़ता छत्तीसगढ़ विकासशील छत्तीसगढ़ के दावे को खोखला करते हुए इस पंचायत के निवासी झरिया का पानी पीने को मजबूर हैं।

कागजों पर लोकस्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी इस पंचायत में कई हैंडपंप खोदने एवं पेयजल की उपलब्धता निश्चित कराने हेतु कई योजनाएं बनाई किंतु इस क्षेत्र के विधानसभा प्रतिनिधि की अर्कमान्यता अथवा अधिकारियों की लापरवाही के कारण इस पंचायत के निवासी अब भी गंदे कुंड का जल पीने को मजबूर हैं। हमारे संवाददाता ने स्थानीय इस कुंड का निरीक्षण किया तो पाया कि धीरे-धीरे इस जगह से रिसने वाले जल को पाने के लिए सुबह से ही ग्रामीण भीड़ लगाते हैं। बारहों मास इस गंदे कुंड के जल से अपनी

दिनचर्या निभाने वाले इस पंचायत के लोगों का कहना है कि हमारी इस समस्या से स्थानीय किसी भी जनप्रतिनिधि को लेना-देना नहीं है। हमने इस बाबत कई बार क्षेत्रीय मंत्री अथवा प्रशासन के अधिकारियों को अवगत कराया किंतु आज तक इस समस्या का निदान नहीं हो पाया है। इस पंचायत के सरपंच का इस समस्या पर बेतुका सा जवाब है कि फ्लोराईड युक्त पानी के कारण इस क्षेत्र में हैंडपम्प सफल नहीं हो पा रहा है। ग्रामपंचायत कुंगारपाल के भालूगुड़ा पारा में निवासरत करीब सैकड़ों स्त्री-पुरूष वर्षों से फ्लोराईडयुक्त पानी का सेवन कर रहे हैं। और इसके परिणाम भी उनके शरीर पर दिखने शुरू हो गए हैं।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कुछ लोगों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि फ्लोराईडयुक्त पानी पीने से दांत के टूटने अथवा भैंगेपन की शिकायत भी हो जाती है इसके साथ-साथ कई प्रकार के चर्म रोग जैसे समस्या भी सामने आती है। ग्रामवासियों के अनुसार इस पंचायत के कुछ जगह पर शुद्ध पेयजल वाले कुंए भी हैं जहां से लोग इसका पानी उपयोग में लाते हैं वहीं कुछ ऐसी जगह भी है जहां कुंए खोदकर अथवा हैंडपम्प लगाकर लोगों को शुद्ध पेयजल दिया जा सकता है लेकिन ग्रामवासियों के अनुसार इस जगह पर कुछ लोगों ने अवैधरूप से कब्जा जमा लिया है। अत: इस जगह पर कुंए अथवा हैंडपम्प लगाना संभव नहीं हो पा रहा है। ग्रामीणों ने ही बताया कि कई बार हमने इसकी शिकायत ग्रामपंचायत सरपंच से लेकर जिलापंचायत के अधिकारियों तक की किंतु अबतक इस अतिक्रमित क्षेत्र में कुंआ खोदना अथवा हैंडपम्प लगाना संभव नहीं हो पाया है इसी का परिणाम है कि ग्रामपंचायत कुंगारपाल के भालूगुड़ापारा निवासी अबतक झरिया के समान गंदे कुंड का पानी पीकर अपना प्यास बूझा रहे हैं।

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