राष्ट्रीय सेवा योजना के जिला संगठक डॉक्टर लीजा साहू के मार्गदर्शन एवं वरिष्ठ स्वयंसेवकों के सहयोग से पशु पक्षी संरक्षण अभियान चलाया जा रहा है

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पशुओं के लिए दाना और पानी रखती छात्रा कल्पना बम्बोडे

हेमचंद यादव विश्वविद्यालय दुर्ग के अंतर्गत शासकीय नेमीचंद जैन कला एवं वाणिज्य विद्यालय दल्ली राजहरा जिला बालोद राष्ट्रीय सेवा योजना के जिला संगठक डॉक्टर लीजा साहू के मार्गदर्शन एवं वरिष्ठ स्वयंसेवकों के सहयोग से पशु पक्षी संरक्षण अभियान चलाया जा रहा है ।जिले के 11 महाविद्यालयो 18 स्कूलों के स्वयंसेवकों एवं वरिष्ठ स्वयं सेवकों ने पक्षियों के लिए अपने- अपने घरों के छतों में दाना तथा पानी की व्यवस्था कर दूसरों को जागरूक करने का प्रयास कर रहे हैं । आयोजन में राष्ट्रीय सेवा योजना अधिकारी श्री एन के कुर्रे वरिष्ठ स्वयंसेवक करण कुरेटी व स्वयं सेवीका स्वाति यादव के निर्देशन व डोमेन प्रजापति, कल्पना बमबोडे, इंद्रेज कुमार के नेतृत्व में किया जा रहा है। स्वयंसेविका स्वाति यादव ने बताया कि आने वाले दिनों में गर्मी बढ़ने के साथ-साथ समस्या और भी विकराल हो सकती है। पशुओं और पक्षियों के पीने के पानी आदि की व्यवस्था परंपरागत तालाब और पोखरो पर निर्भर रही है।

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इनके सूखने से व्यवस्था धीरे-धीरे समाप्त हो रही है। ग्रामीण अंचलो में इनकी व्यवस्था है परंतु नगरी क्षेत्रों में इनका अभाव है । प्रशासन की ओर से नहरों और नलकूपों के माध्यम से तालाबों पोखरो में पानी भरे जाने का प्रयास किया जा रहा है । गर्मी के मौसम में तेज गर्मी के कारण तलाब पोखरों में भरा पानी तेजी से सूखता जा रहा है ।पालतू पशुओं के पीने की पानी की व्यवस्था पशुपालक कर लेते हैं ,किंतु स्वच्छंद विचरण करने वाले पशु एवं पक्षियों के लिए पानी की व्यवस्था नहीं हो पाती ,इसलिए हम सभी का मानवता के नाते इन पशु पक्षियों के लिए अपने अपने घर के छत तथा बालकनी में मिट्टी के बर्तनों तथा किसी प्लास्टिक के बर्तनों में पानी तथा उनके लिए दाना की व्यवस्था कर सकते हैं। स्वयंसेविका कल्पना बमबोडे ने कहा कि इसकी व्यवस्था अतिशीघ्र स्वयं करनी चाहिय ।

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स्वयं सेविका स्वाति यादव ने बताया कि आने वाले दिनों में गर्मी बढ़ने के साथ -साथ समस्या और विकराल हो सकती है, पशुओं और पक्षियों के पीने की पानी आदि की व्यवस्था परंपरागत तलाब और पोखरों पर निर्भर रही है ,इनके सूखने से यह व्यवस्था धीरे-धीरे समाप्त हो रही है ग्रामीण अंचल में यह व्यवस्था है लेकिन नगरीय क्षेत्रों में इनका अभाव हो गया है ।प्रशासन की ओर से नहरों और नलकूपों के माध्यम से तालाबों पोखरो के भरे जाने का प्रयास किया जाना चाहिए। गर्मी में तलाब पोखरो में भरा पानी तेजी से सूख जाता है पशु पक्षियों के पीने की व्यवस्था पशुपालक कर लेते हैं किंतु स्वच्छंद विचरण करने वाले पशु एवं पक्षियों के लिए पानी की व्यवस्था नहीं हो पाती । कि हमें करना चाहिए की शुरुआत खुद से करना चाहिए कोरोना काल में कुछ ना करने से अच्छा कुछ करें सभी स्वयंसेवकों भाई बहनों से निवेदन है कि सोशल मीडिया व्हाट्सएप फेसबुक न्यूज़ पेपर के माध्यम से लोगों में जागरूकता अभियान कर पैदा सकते हैं यदि एक स्वयंसेवक एक व्यक्ति को जागरुक कर दिया तो यह आयोजन सफल हो सकता है। राष्ट्रीय सेवा योजना छत्तीसगढ़ के इतिहास में बेहतर कार्यक्रम के लिए सदैव अग्रणीय रहने वाले बालोद जिला एक बार फिर बड़ा उद्देश्य के साथ पशु संरक्षण एवं जन जागरण अभियान का आगाज किया है निश्चित ही अभियान भीषण गर्मी में पशु – पक्षियों के लिए अमृत समान होगा।

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