केदार ने कहा है कि बस्तर के पत्रकार महामारी कोरोना के समय में जिस प्रकार से अपनी ज़िम्मेदारी का निर्वहन कर रहे हैं वो बहुत साहसिक और ऐसी विपरीत परिस्थितियों मेंबहुत सराहनीय है! ऐसे में उनके कोरोना से संक्रमित होने का ख़तरा हमेशा बना रहता है और कई पत्रकार बंधु इस बीमारी से ग्रसित होकर अपना इलाज करवा रहे हैं तो वहीं कुछ लोगों ने अपनी जान भी गंवायी है !
ऐसे में शासन को पत्रकारों के जीवन को ध्यान में रखते हुए उन्हें 50 लाख का बीमा के साथ साथ उन्हें प्राथमिकता के साथ पहले वैक्सीनेशन किया जाना चाहिए तथा चिकित्सालयों मे उनके लिए अलग से बेड भी उपलब्ध होनी चाहिए !!