इन नेताओं ने चट्टान बनकर थाम लिया बस्तर की हवाओं को

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  • असंभव को संभव कर दिखाया बस्तर के इन चार माटीपुत्रों ने
  • मंत्री कवासी लखमा, सांसद दीपक बैज, विधायकद्वय रेखचंद जैन और लखेश्वर बघेल ने बहाई तरक्की की नई बयार

अर्जुन झा

जगदलपुर एक जमाना था, जब बस्तर की वादियों में रक्तगंध और बम, बारूद की बू समाई रहती थी। रोज चार पांच निरीह आदिवासियों को नक्सली हलाक कर दिया करते थे। नक्सली उत्पात के कारण बस्तर में विकास की गति को विराम लग गया था, न सड़कें बन पाती थीं, न स्कूल बिल्डिंग, लेकिन आज हालात पूरी तरह बदल चुके हैं। बस्तर के चार नेताओं ने चट्टान बनकर यहां की वादियों में बहने वाली बारूदी और रक्तिम हवाओं को थाम लिया है। बस्तर में अब तरक्की और अमन की बयार बह रही है। बस्तर के प्रभारी मंत्री कवासी लखमा, सांसद दीपक बैज, संसदीय सचिव एवं जगदलपुर के विधायक रेखचंद जैन और बस्तर के विधायक एवं बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष लखेश्वर बघेल ने बस्तर में वो कर दिखाया है, जिसकी कुछ साल पहले तक कल्पना भी नहीं की जाती थी। नक्सलियों के उत्पात के कारण बस्तर में सड़कें, शाला भवन, अस्पताल, तालाब आदि बनाना तथा पेयजल, एंबुलेंस, बिजली आदि का इंतजाम कर पाना दुस्वार हो गया था। राज्य में भूपेश बघेल की नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के आने के बाद छत्तीसगढ़ शासन के एवं केंद्रीय सुरक्षा बलों ने दृढ इच्छाशक्ति के साथ नक्सल विरोधी अभियान को गति दी। नक्सली वारदातों में साल दर साल भारी गिरावट दर्ज की जाने लगी।इसके अलावा बस्तर के जनप्रतिनिधि भी पूरी शिद्दत के साथ गांवों के विकास के लिए जी जान से जुट गए। आज उन गांवों में भी अच्छी सड़कें, स्कूल भवन, अस्पताल बन गए हैं, जहां पहले लोग जाने के नाम से भी थर थर कांपने लगते थे। इन गांवों में स्वच्छ पेयजल, बिजली, एंबूलेंस का इंतजाम हो चुका है। लोग बेखौफ होकर इन गांवों में जाने लगे हैं। सरकारी कर्मचारी भी ऐसे संवेदनशील इलाकों में अपनी पोस्टिंग से विचलित नहीं होते और सेवाएं देने पहुंच रहे हैं। मंत्री कवासी लखमा का निर्वाचन क्षेत्र कोंटा तो नक्सली गतिविधियों के मामले में सबसे ज्यादा संवेदनशील माना जाता रहा है, लेकिन श्री लखमा अपने क्षेत्र के दूरस्थ गांवों में भी देर रात तक ग्रामीणों से मेल मुलाकात करने में जरा भी गुरेज नहीं करते। बस्तर के युवा सांसद दीपक बैज अपनी कर्मशीलता के लिए जाने जाते हैं। बैज ने अपने संसदीय क्षेत्र के धुर नक्सल प्रभावित गांवों में भी अच्छी सड़कें बनवा दी है। राष्ट्रीय राजमार्ग और स्टेट हाईवे के निर्माण को भी उन्होंने मंजूरी दिला दी है। जगदलपुर – रायपुर नेशनल हाईवे फोरलेन में तब्दील हो रहा है, नारायणपुर जिले के गांवों को स्टेट हाईवे और नेशनल हाईवे से जोड़ने का काम भी वे करा रहे हैं। बस्तर लोकसभा क्षेत्र के पचासों गांवों में शाला भवनों अस्पतालों, सड़कों का निर्माण उन्होंने कराया है। इसके अलावा ग्रामीणों के लिए स्वच्छ पेयजल व एंबुलेंस, पानी टेंकर की व्यवस्था और गांवों के विद्युतीकरण का काम सांसद बैज ने कराया है। जगदलपुर के विधायक एवं संसदीय सचिव रेखचंद जैन तो अपने घर परिवार की चिंता छोड़कर अपने निर्वाचन क्षेत्र के लोगों की सेवा में दिन रात एक किए रहते हैं। श्री जैन ने अपने विधानसभा क्षेत्र के जगदलपुर शहर के साथ ही सुदूर वनांचल के अति संवेदनशील गांवों का भी कायाकल्प कर दिया है। सड़कों, पुल पुलिया, शाला भवनों, अस्पतालों का निर्माण व पेयजल एवं बड़े गांवों के लिए पानी टेंकर की व्यवस्था कराकर जैन ने ग्रामीणों को बड़ी राहत पहुंचाई है। जगदलपुर नगर निगम क्षेत्र में भी सड़क, पानी आदि के इंतजाम में रेखचंद जैन का विशेष योगदान है। जैन विभिन्न आपदाओं में मृत लोगों के परिजनों, बीमार व्यक्तियों, बच्चों की पढ़ाई, बेरोजगारों को स्वरोजगार का जरिया उपलब्ध कराने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के राहत कोष से सैकड़ों लोगों को सहायता राशि उपलब्ध कराते रहते हैं। कुछ इसी तरह बस्तर के विधायक लखेश्वर बघेल ने भी अपने निर्वाचन क्षेत्र के गांव गांव में उल्लेखनीय कार्य कराए हैं। उन्होंने भी गांवों में बड़े पैमाने पर सड़कों, पुल, पुलिया, शाला भवनों, अस्पतालों का निर्माण कराया है, ग्रामीणों के लिए पेयजल, पानी टेंकर व एंबुलेंस की व्यवस्था की है।

कांग्रेस सरकार पर बढ़ा लोगों का भरोसालखमा,

बैज, जैन और बघेल अति संवेदनशील माने जाने वाले दूरस्थ वनांचल के गांवों में देर रात तक ग्रामीणों के बीच समय गुजारते हैं, उनका दुख दर्द और समस्याएं सुनते हैं। यही वजह है कि ग्रामीणों का भरोसा भूपेश बघेल सरकार, कांग्रेस और इन चारों जनप्रतिनिधियों के प्रति बढ़ा है। इन जनप्रतिनिधियों ने असंभव लगने वाले कार्यों को संभव कर लोगों का दिल जीत लिया है। छ्ग शासन द्वारा जगदलपुर में आयोजित भरोसे का सम्मेलन की कामयाबी के पीछे इन चारों नेताओं की महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

आदिवासियों की संस्कृति को दिया नया आयाम

मंत्री कवासी लखमा, सांसद दीपक बैज, संसदीय सचिव रेखचंद जैन, विधायक एवं बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष लखेश्वर बघेल ने आदिवासियों की संस्कृति, कला, परंपराओं, आस्था स्थलों के संरक्षण संवर्धन की दिशा में भी सराहनीय कार्य किया है। गांव गांव में देवगुड़ियों का जीर्णोद्धार व पुनः निर्माण कराकर इन जनप्रतिनिधियों ने आदिम संस्कृति को नया आयाम दिया है। अब तो मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी आदिम परब निधि शुरू कर दी है। इसका आगाज जगदलपुर के भरोसे के सम्मेलन में हुआ।